Budget 2023: यूनियन बजट से क्या उम्मीदें कर रहा है MSME सेक्टर?

MSME Budget 2023 Expectations: सरकार का जोर एमएसएमई सेक्टर को ग्रोथ देने पर रहा है। फिर भी कर्ज, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी बुनियादी समस्याएं बनी हुई हैं। आगामी यूनियन बजट 2023 में कुछ समस्याओं का समाधान हो सकता है और जोब ग्रोथ को बढ़ावा दिया जा सकता है। साथ ही, एमएसएमई सेक्टर फाइनेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि से जुड़े कुछ ऐलान होने की उम्मीद कर रहा है  

अपडेटेड Jan 27, 2023 पर 2:07 PM
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MSME Budget 2023 Expectations : इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते, MSMEs की ऑपरेटिंग कॉस्ट ज्यादा है और उनकी प्रतिस्पर्धा की क्षमता कम है

MSME Budget 2023 Expectations : माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) सेक्टर सभी उद्योगों में लगभग 12 करोड़ रोजगार पैदा करता है। साथ ही इस सेक्टर का भारत के जीडीपी में 33 फीसदी अंशदान है। हालांकि, एमएसएमई सेक्टर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और आगामी यूनियन बजट 2023 (Union Budget 2023) में इसकी समस्याओं का कुछ समाधान हो सकता है और जोब ग्रोथ को बढ़ावा दिया जा सकता है। साथ ही, इसमें एमएसएमई की फाइनेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि से जुड़े मुद्दों का भी समाधान हो सकता है।

कर्ज की होती है समस्या

एमएसएमई के लिए सबसे बड़ी समस्याओं में से एक 20 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की कमी है। कर्ज की जरूरतों के लिए छोटे कारोबारी फैमिली, दोस्तों और स्थानीय मनीलेंडर्स का रुख करने को मजबूर होते हैं। इसके चलते उन्हें ऊंची ब्याज दरें चुकानी पड़ी है और इससे उनकी देनदारी बढ़ जाती है।


आवंटन बढ़ा सकती है सरकार

प्राइमरी सेक्टर लेंडिंग में एमएसएमई के लिए आवंटन बढ़ाकर और एमएसएमई के लिए एक क्रेडिट गारंटी प्रोग्राम पेश करके, यूनियन बजट इसका समाधान पेश कर सकता है। इससे एमएसएमई के लिए कर्ज की पहचान आसान होगी, जिससे उनके लिए बिजनेस बढ़ावा और जॉब ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।

गांवों में इंडस्ट्री लगाने पर मिल सकता है इंसेंटिव

इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते, MSMEs की ऑपरेटिंग कॉस्ट ज्यादा है और उनकी प्रतिस्पर्धा की क्षमता कम है। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए फंडिंग बढ़ाकर यूनियन बजट में एमएसएमई सेक्टर में नौकरियों के सृजन पर जोर दिया जा सकता है। यह बजट ग्रामीण इलाकों में बिजनेस स्थापित करने वालों के लिए टैक्स छूट और मशीनरी और इक्विपमेंट की खरीद के लिए वित्तीय सहायता की पेशकश भी कर सकता है।

रजिस्टर्ड एमएसएमई को मिल सकता है टैक्स इंसेंटिव

असंगठित क्षेत्र में बड़ी संख्या में एमएसएमई रजिस्टर्ड नहीं हैं। यही वजह है कि उन्हें सस्ता और समय से कर्ज नहीं मिल पाता। उनके पास सीमित टैलेंट पूल होता है। सप्लायर और डीलर्स के साथ मोलभाव की क्षमता कम होती है। ऐसे में रजिस्ट्रेशन करने वाले एमएसएमई को टैक्स इंसेंटिव और एक सिंगल विंडो क्लीयरैंस सिस्टम स्थापित किया जा सकता है।

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First Published: Jan 27, 2023 2:04 PM

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