पिछले 10 साल में एविएशन के मामले में इंडिया ने ऊंची उड़ान भरी है। यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डोमेस्टिक एविएशन मार्केट बन गया है। इससे आगे सिर्फ अमेरिका और चीन हैं। इंडिया में 2023 में रोजाना 4,12,822 लोगों ने हवाई सफर किया। 2014 में यह संख्या 1,84,608 थी। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनने के बाद से रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर रहा है। इसके लिए सरकार ने 2016 में उड़ान (UDAN) यानी उड़े देश का आम नागरिक स्कीम शुरू की थी। इसे रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) भी कहा जाता है। इसके तहत सरकार का फोकस टियर 2 और टियर 2 शहरों को हवाई सेवाओं के दायरे में लाने पर है। इस साल सरकार ने UDAN 5 की शुरुआत की है। इसके तहत 50 नए रूट्स पर हवाई सेवाएं शुरू करने का टारगेट रखा गया है।
2021 में एविएशन के मामले में सरकार ने बड़े कदम उठाते हुए एयर इंडिया को प्राइवेट कंपनी को बेच दिया। सरकार पिछले 20 साल से एयर इंडिया को मुनाफे में लाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन, उसकी कोशिशें नाकाम साबित हुईं। हालांकि, पिछले 10 साल में नागरकि उड्डयन मंत्रालय के बजट आवंटन में कमी आई है। फाइनेंशियल ईयर 2014-15 में यह 7,377.98 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में घटकर 3,113.36 करोड़ रुपये रह गया।
एयरपोर्ट्स की संख्या 149 हुई
केंद्र की मोदी सरकार ने हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने पर भी जोर दिया। यूनियन बजट 2016 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 160 ऐसे एयरपोर्ट्स को चालू करने का ऐलान किया था, जो बंद पड़े थे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, देश में एयरपोर्ट्स की संख्या 2023 में बढ़कर 149 हो गई है। 2014 में यह 135 थी। ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स और सिविल इनक्लेव्स की संख्या अब बढ़कर 118 हो गई है, जो 2014 में 78 थी।
6 नॉन-मेट्रो एयरपोर्ट्स का निजीकरण
सरकार ने 2018 के बजट में साल 2030-31 तक हवाई यात्रियों की संख्या के लिए 85.5 करोड़ लक्ष्य तय किया था। 2014 में करीब 6.7 करोड़ लोगों ने घरेलू रूट पर हवाई सफर किया था। 2022 में यह संख्या बढ़कर 12.32 करोड़ हो गई थी। हालांकि, 2020 और 2021 में कोविड की वजह से हवाई सेवाओं पर काफी ज्यादा असर पड़ा था। सरकार ने पिछले 10 साल में 6 नॉन-मेट्रो एयरपोर्ट्स का निजीकरण किया है। इनमें जयपुर, अहमदबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, मेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम शामिल हैं।
उड़ान स्कीम के तहत 11.4 करोड़ लोगों ने किया सफर
अब तक उड़ान स्कीम के तहत 11.4 करोड़ लोगों ने हवाई सफर किया है। इसके लिए सरकार ने बतौर सब्सिडी 2,300 करोड़ रुपये दिए हैं। इस स्कीम के तहत 225 रूट्स अक्टूबर तक ऑपरेशनल थे। एयरलाइंस कंपनियों ने 228 रूट्स पर हवाई सेवाएं बंद कर दी थी। इसके लिए ढांचागत सुविधाओं की कमी, पैंसेजर्स की कम डिमांड और इस स्कीम को लेकर लोगों में कम जागरूकता जैसे कारण बताए गए थे।