Union Budget 2023-24: सरकार पेट्रोल-डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन के स्रोतों का इस्तेमाल घटाने की लगातार कोशिश कर रही है। राज्य सभा ने हाल में एनर्जी कंजर्वेशन (अमेंडमेंट) विधेयक, 2022 (Energy Conservation (amendment) bill, 2022) पारित किया है। यह देश में स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) का इस्तेमाल बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस विधेयक में कार्बन ट्रेडिंग स्कीम (Carbon Trading Scheme) को संस्थागत बनाने की कोशिश की गई है। इससे कम उत्सर्जन वाली कंपनियां अपना कार्बन क्रेडिट ज्यादा उत्सर्जन वाली कंपनियों को बेच सेकेंगी।
एनर्जी कंजर्वेशन कोड से घटेगा उत्सर्जन
इस बिल में एनर्जी कंजर्वेशन कोड को भी शामिल किया गया है। यह कोड देश में क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस कोड से एनर्जी एफिशियंट बिल्डिंग्स के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एनर्जी एफिशियंट बिल्डिंग्स में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल और इक्विपमेंट पर सब्सिडी का ऐलान अगले यूनियन बजट (Union Budget 2023) में कर सकती हैं। इससे कंपनियां और संस्थाओं की दिलचस्पी एनर्जी एफिशिएंट बिल्डिंग्स बनाने में बढ़ेगी।
एनर्जी एफिशिएंट बिल्डिंग के लिए कम इंटरेस्ट रेट पर लोन जरूरी
एनर्जी कंजर्वेशन (अमेंडमेंट) विधेयक, 2022 में 100 किलो वॉट एनर्जी की खपत वाली बिल्डिंग्स को एनर्जी कंजर्वेशन कोड के दायरे में लाने की बात कही गई है। इससे बिल्डिंग के रखरखाव पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी। अगर 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में एनर्जी एफिशिएंट बिल्डिंग बनाने में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल और इक्विपमेंट पर सब्सिडी का ऐलान होता है तो इन्हें बनाने पर आने वाली लागत घट जाएगी। वित्त मंत्री ऐसी बिल्डिंग्स के निर्माण के लिए रियायती ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का भी ऐलान कर सकती हैं। एफिशिएंट बिल्डिंग से जुड़े प्रोजेक्ट्स के लिए इंटरेस्ट रेट हॉलीडे का भी ऐलान किया जा सकता है। सरकार ऐसी बिल्डिंग बनाने वाली कंपनियों को टैक्स में भी छूट दे सकती है। इसके अलावा एनर्जी एफिशिएंट बिल्डिंग में ऑफिस ओपन करने वाली कंपनियों के लिए भी टैक्स सहित दूसरे तरह के बेनेफिट का ऐलान किया जा सकता है। इससे उत्सर्जन में कमी लाने में काफी मदद मिलेगी।
एनर्जी कंजम्प्शन स्टैंडर्ड बनाने से होगा फायदा
इस विधेयक में एनर्जी कंजम्प्शन स्टैंडर्ड की भी चर्चा है। एनर्जी कंजम्प्शन स्टैंडर्ड बनाने से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की एनर्जी एफिशिएंशी बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका मतलब यह है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने में बिजली की खपत कम होगी। इससे ईवी के इस्तेमाल पर आने वाला खर्च घट जाएगा। इसके लिए देश में टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस के उत्पादन पर फोकस करना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट 2023 में इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए इनसेंटिव का ऐलान कर सकती हैं। साथ ही एनर्जी एफिसिएंशी को बढ़ावा देने के लिए बजट में आवंटन बढ़ाया जा सकता है। इससे एनर्जी एफिसिएंशी से जुड़ी रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
अगले बजट में सरकार उन स्टार्टअप्स को स्पेशनल बेनेफिट देने का ऐलान कर सकती है, जिनका संबंध ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी से है। इससे एनर्जी के non-fossil स्रोतों का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऑयल और एनर्जी से जुड़ी सरकार कंपनियों को भी non-fossil एनर्जी के स्रोतों पर इनवेस्टमेंट बढ़ाने के लिए प्रेरित करना होगा। ऐसी कंपनियों को अगले 25 साल के प्लान को ध्यान में रख काम करने की जरूरत है। इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से पर्याप्त मदद मिलनी चाहिए।
(अविक सिन्हा आईआईएम-इंदौर के फेलो हैं। वह गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैजमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्हें एनर्जी, एनवायरमेंट जैसे विषयों का व्यापक अनुभब है।)