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Union Budget 2023 : क्या इनकम टैक्स एग्जम्प्शन, डिडक्शन और रिबेट को लेकर है कोई भ्रम? जान लीजिए अंतर

Union Budget 2023 : सरकार तीनों तरीकों यानी एग्जम्प्शन, डिडक्शन और रिबेट के जरिये इनकम टैक्स में छूट देती है। हालांकि, कई बार लोग इन तीनों को लेकर कुछ भ्रम में पड़ जाते हैं। बजट के आसपास इन तीनों की चर्चा भी खूब होती है। आम टैक्सपेयर्स के लिए ये हमेशा से प्रमुख बजट डिमांड्स में शामिल रही हैं

अपडेटेड Jan 20, 2023 पर 8:55 AM
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Union Budget 2023 : अक्सर लोग इनकम टैक्स एग्जम्प्शन, डिडक्शन और रिबेट को एक जैसा समझते हैं। लेकिन तीनों का मतलब अलग-अलग है

Union Budget 2023 : यूनियन बजट से पहले इनकम टैक्स एग्जम्प्शन, टैक्स रिबेट और टैक्स डिडक्शन पर अक्सर चर्चा होती है। ये हमेशा से टैक्सपेयर्स की प्रमुख डिमांड्स में एक रही हैं। हालांकि, कई बार लोग इन तीनों को लेकर कुछ भ्रम में पड़ जाते हैं। दरअसल, सरकार इन तीनों तरीकों यानी एग्जम्प्शन, डिडक्शन और रिबेट के जरिये इनकम टैक्स (Income Tax) में छूट देती है। यहां हम आपको इन तीनों के बीच बुनियादी फर्क समझाने की कोशिश कर रहे हैं। न्यूज 18 से बातचीत में एसडब्ल्यू इंडिया के प्रैक्टिस लीडर (इंटरनेशनल टैक्स और ट्रांसफर प्राइसिंग) सौरव सूद ने कहा, “अक्सर लोग एग्जम्प्शन, डिडक्शन और रिबेट को एक जैसा समझते हैं। लेकिन तीनों का मतलब अलग-अलग है।”

टैक्स एग्जम्प्शन

Tax Exemption : इनकम टैक्स एग्जम्प्शन का मतलब है कि कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। वर्तमान में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स से फ्री है। हालांकि अगर सालाना इनकम 3 लाख रुपये है तो सिर्फ 50,000 रुपये की आय पर टैक्स लगेगा।


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आईपी पसरीचा में पार्टनर मनीत पाल सिंह ने कहा, “Tax exemptions को करों से पूरी तरह राहत माना जा सकता है और इनकम के कुछ खास हिस्सों से क्लेम किया जाता है न कि पूरी इनकम से। आयकर अधिनियम, 1961 (Income Tax Act, 1961) के तहत मुख्य सैलरी के तहत होने वाली इनकम जैसे हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और पूंजीगत लाभ (capital gain) के तहत इनकम से कई तरह की छूट दी गई है, जो कुछ नियमों के तहत कर-मुक्त है।”

सूद ने कहा कि हाउस रेंट अलाउंस, एलटीए आदि एग्जम्प्शन की कैटेगरी में आते हैं।

टैक्स डिडक्शंस

Tax Deductions : इनकम टैक्स डिडक्शंस एक खास डिडक्शन है, जिसके तहत टैक्सपेयर इनवेस्टमेंट (Section 80C) या खर्च की गई धनराशि (Section 80D या Section 80E) पर डिडक्शन के योग्य होता है।

मनीत पाल सिंह ने कहा कि ये डिडक्शंस जीवन बीमा प्रीमियम, चिकित्सा बीमा प्रीमियम, पीपीएफ (PPF) और ट्यूशन फीस जैसे टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट पर आधारित हैं।

सौरव सूद ने कहा, “जहां एग्जम्प्शन का मतलब इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाना है, वहीं डिडक्शन टैक्सपेयर की कुल इनकम में कमी है जिस पर टैक्स की गणना की जाएगी।”

टैक्स रिबेट

Tax Rebate : रिबेट के तहत, Income Tax Act, 1961 के सेक्शन 87ए के तहत टैक्स फ्री इनकम की एक लिमिट तय की गई है। हालांकि, इस लिमिट से ज्यादा सालाना इनकम होने पर पूरी इनकम पर टैक्स देना होगा।

उदाहरण के लिए, वर्तमान में 5 लाख रुपये तक की इनकम पर इनकम टैक्स रिबेट दी जा रही है। इसलिए 5 लाख रुपये तक की इनकम पर पूरी इनकम टैक्स फ्री है। हालांकि, 5.1 लाख रुपये इनकम की स्थिति में पूरी 2.6 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स देना होगा, क्योंकि 2.5 लाख रुपये तक इनकम पर टैक्स से छूट है।

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