Union Budget 2023 : केंद्र सरकार यूनियन बजट 2023 में नए इनकम टैक्स रीजीम के तहत कर की दरों में कमी करने पर विचार कर रही है। इस योजना के तहत इस वैकल्पिक टैक्स रीजीम (tax regime) को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए टैक्स स्लैब्स (tax slabs) में बदलाव कर सकती है। वित्त मंत्रालय ने आगामी बजट के लिए स्कीम की स्वीकार्यता बढ़ाने के तरीकों की पहचान करने के उद्देश्य से एक रिव्यू कराया है। मौजूदा वित्त वर्ष में इनकम टैक्स रिटर्न (income tax returns) फाइल करने वाले कुल 7.52 करोड़ लोगों में से 5 लाख से भी कम टैक्सपेयर्स ने नया टैक्स रीजीम अपनाया था।
क्या है नया इनकम टैक्स सिस्टम
नया इनकम टैक्स सिस्टम कम टैक्स रेट्स की पेशकश करता है, लेकिन इसमें कोई एग्जम्प्शन और डिडक्शन की सुविधा नहीं है। नए सिस्टम में 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी तक की उच्चतम दर से टैक्स लगता है। इसके विपरीत पुराने टैक्स सिस्टम में तीन टैक्स ब्रेकेट 5 फीसदी, 20 फीसदी और 30 फीसदी हैं। सबसे ज्यादा रेट 10 लाख रुपये से ज्यादा आय पर लगता है।
बढ़ सकती है 2.5 लाख रुपये की थ्रेसहोल्ड
अधिकारी यूनियन बजट से पहले नए टैक्स रीजीम की स्वीकार्यता बढ़ाने के तरीकों का आकलन कर रहे हैं। इसके तहत 2.5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाने या टैक्स का बोझ कम करने के लिए टैक्स ब्रेकेट्स को समायोजित करने पर भी विचार चल रहा है।
टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पुराने टैक्स रीजीम में सभी डिडक्शन क्लेम करने के बाद कई टैक्सपेयर्स की कर देनदारी कम है। यही वजह है कि वे नया सिस्टम अपना नहीं रहे हैं। वे लोगों को सरल सिस्टम चुनने और अंततः टैक्स डिडक्शंस को खत्म करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से टैक्स स्लैब दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव करते हैं। हालांकि, इससे पूरा टैक्स सिस्टम जटिल हो सकता है और नियोक्ताओं, कर्मचारियों और टैक्स डिपार्टमेंट पर प्रशासनिक बोझ बढ़ सकता है।