Budget 2023 : वित्त वर्ष खत्म होने में अब लगभग दो महीने ही बचे हैं। जल्द ही नौकरीपेशा लोगों को उनके एचआर या अकाउंट डिपार्टमेंट्स से इनवेस्टमेंट डिक्लेरेशन (investment declaration) और डिडक्शन और एग्जम्प्शन क्लेम करने के लिए प्रूफ जमा करने के अनुरोध वाले ईमेल मिलने लगेंगे। दरअसल, इम्प्लॉयर्स को हर कर्मचारी के टीडीएस (TDS calculations) की गणना करनी होती है। हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के सेक्शन 115 बीएसी के तहत नए टैक्स रीजीम को अपनाने वाले कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस (House Rent allowance) पर एक्जम्प्शन की सुविधा नहीं है।
आम तौर पर एचआरए कर्मचारियों की सैलरी या सीटीसी का हिस्सा होता है।
इनकम टैक्स एक्ट के तहत स्वीकृत एग्जम्प्शन
पुराने टैक्स रीजीम के तहत, जो भी कर्मचारी रेंट दे रहा है वह एग्जम्प्शन क्लेम कर सकता है। इसके नियम इस प्रकार हैं...
-वास्तविक एचआरए जो प्राप्त हुआ
-अगर मेट्रो शहरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई) में रहते हैं 50 फीसदी सैलरी (बेसिक प्लस डीए) और किसी अन्य शहर में रहते हैं तो सैलरी का 40 फीसदी।
-वास्तविक रेंट सैलरी (बेसिक प्लस डीए) का 10 फीसदी से कम होना चाहिए।
एग्जम्प्शन से कब इनकार कर सकता है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट
पूर्व में टैक्सपेयर्स को अपने एचआरए क्लेम प्रमाणित करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल चुके हैं। कई पर कर अधिकारी सामान्य सी गलतियों के कारण क्लेम को खारिज कर देते हैं। जो इस प्रकार हैं..
1. नहीं दिया रेंट एग्रीमेंट
Rent Agreement : रेंट एग्रीमेंट प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार के संबंधों को प्रमाणित करने वाला मूल दस्तावेज है। हालांकि, कई मामलों में टैक्सपेयर रेंट एग्रीमेंट देने में विफल रहते हैं। ज्यादातर मामलों में, टैक्सपेयर परिवार के किसी सदस्य या रिश्तेदार या दोस्त को रेंट के भुगतान का दावा करते हैं और यह सोचकर किराया समझौता नहीं करते हैं कि यह आवश्यक नहीं है। हालांकि ऐसे दावों को आमतौर पर कर अधिकारी खारिज कर देते हैं।
2. रेंट पेमेंट का प्रूफ नहीं
Proof of Rent payment : कई वेतनभोगी कर्मचारी किराए का नकद भुगतान दिखाते हुए रेंट की रसीद लगा देते हैं या प्रॉपर्टी के मालिक को भुगतान का कोई प्रमाण नहीं देते हैं। आयकर अधिकारी अक्सर इन रसीदों को अमान्य मानते हैं और पेमेंट के अतिरिक्त प्रूफ की मांग करते हैं। इसलिए यह हमेशा सलाह दी जाती है कि किराए का भुगतान केवल बैंकिंग चैनल के माध्यम से ही किया जाए।
3. रेंट इनकम को नहीं दिखाना
ज्यादातर मामलों में प्रॉपर्टी के मालिक अपने आयकर रिटर्न में कोई किराये की आय नहीं दिखाते हैं। दरअसल, कई बार सैलरीड टैक्सपेयर अपने करीबी परिजनों या रिश्तेदारों को रेंट देते हैं और एचआरए पर छूट का दावा करते हैं। ऐसी किराये की आय रिटर्न में दिखाई देनी चाहिए।
इम्प्लॉयर्स अक्सर रेंट की रसीदों पर सवाल नहीं करते और कर्मचारी को फॉर्म 16 (Form 16) में एग्जम्प्शन क्लेम करने देते हैं। हालांकि, जब कर अधिकारी की बात आती है तो वह यह सुनिश्चित करने के लिए और प्रूफ मांगते हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करना बेहतर है कि यदि कर अधिकारी द्वारा दावा खारिज कर दिया जाता है तो आयकर विभाग को किसी भी पेनाल्टी का पेमेंट करने से बचने के लिए सभी दस्तावेज सही हों।
(Abhishek Aneja पेशे से सीए हैं)