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Budget में किसानों को मिल सकती है खुशखबरी, सरकारी ₹25 लाख करोड़ तक बढ़ा सकती है एग्री-लोन की लिमिट

Budget 2024-25: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 23 जुलाई को संसद में आम बजट 2024-25 पेश करेंगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि बजट में एग्री लोन के लक्ष्य को 25 प्रतिशत तक बढ़ाकर 25 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा हो सकती है। उन्होंने कहा कि ब्लॉक-वार लोन की क्षमता का आकलन करने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है

अपडेटेड Jul 08, 2024 पर 6:21 PM
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Budget 2024-25: वित्त वर्ष 2024 में सरकार ने एग्री लोन का लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये रखा था

Budget 2024-25: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 23 जुलाई को संसद में आम बजट 2024-25 पेश करेंगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि बजट में एग्री लोन के लक्ष्य को 25 प्रतिशत तक बढ़ाकर 25 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा हो सकती है। उन्होंने कहा कि ब्लॉक-वार लोन की क्षमता का आकलन करने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "मौजूदा वित्त वर्ष के लिए एग्री लोन के लक्ष्य को 25 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। यह ब्लॉक स्तर पर नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) की ओर किए गए संभावित लिंक्ड क्रेडिट प्लान (PLCP) पर निर्भर करता है। इस क्रेडिट प्लान का आकलन इस आधार पर किया गया है कि ब्लॉक-वार कितनी क्रेडिट क्षमता की जरूरत है।"

बता दें कि PLCP, भौतिक और वित्तीय दोनों नजरियों से ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों की संभावनाओं का बताने वाला एक विस्तृत डॉक्यूमेंट्स है। वहीं जिलो को ग्रामीण और शहरों डेवलपमेंट के उद्देश्य से कई हिस्सों में बांटा जाता है, जिसे ब्लॉक कहते हैं।

इससे पहले वित्त वर्ष 2024 में सरकार ने एग्री लोन का लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये रखा था, जो 24.84 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था।


अधिकारी ने कहा, “इलाके की कृषि गतिविधियों की पहचान करने और एक जिला-एक फसल सहित योजनाओं को ध्यान में रखने के बाद, लोन क्षमता का लक्ष्य तय किया जाता है। इस प्रक्रिया को NABARD ने किया है और इसे वित्त मंत्रालय के साथ साझा किया गया है। यह 25 लाख करोड़ रुपये के संभावित लक्ष्य का संकेत देता है। हालांकि अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय की ओर से लिया जाएगा।"

सरकार ने 'एक जिला एक उत्पाद' योजना को बढ़ावा देने की रणनीति के तहत 'एक जिला, एक फसल' योजना को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य इलाके की खास उत्पादों की पहचान और प्रचार करके क्षेत्रीय विकास को संतुलित करना है। इन चुने गए उत्पादों में अक्सर कृषि वस्तुएं शामिल होती हैं। मेघालय में पश्चिमी जैंतिया हिल्स की लाकाडोंग हल्दी, विभिन्न राज्यों की आम की विभिन्न किस्में और जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले के लैवेंडर उत्पाद इसके उदाहरण हैं।

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