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Union Budget 2024: Jefferies ने कहा, कैपिटल एक्सपेंडिचर ग्रोथ में सुस्ती से निराश हो सकता है बाजार

ब्रोकिंग फर्म जेफरीज का मानना है कि सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर ग्रोथ में सुस्ती देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, फिस्कल कंसॉलिडेशन की वजह से यह ग्रोथ 10 पर्सेंट से कम रह सकती है। जेफरीज ने अपने प्री-बजट नोट में कहा है कि इससे बाजार में माहौल निराशाजनक हो सकता है और सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रोग्राम से जुड़े शेयरों में करेक्शन देखने को मिल सकता है

अपडेटेड Jan 18, 2024 पर 7:08 PM
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Union Budget 2024: जेफरीज के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में सरकार का सामाजिक योजनाओं पर खर्च (सब्सिडी को छोड़कर) तकरीबन 7-8 पर्सेंट बढ़ सकता है।

ब्रोकिंग फर्म जेफरीज (Jefferies) का मानना है कि सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर ग्रोथ में सुस्ती देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, फिस्कल कंसॉलिडेशन की वजह से यह ग्रोथ 10 पर्सेंट से कम रह सकती है। जेफरीज ने अपने प्री-बजट नोट में कहा है कि इससे बाजार में माहौल निराशाजनक हो सकता है और सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रोग्राम से जुड़े शेयरों में करेक्शन देखने को मिल सकता है।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को इस साल का अंतरिम बजट पेश करेंगी, क्योंकि अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। पूरा बजट जुलाई में पेश किया जाएगा। बजट 2023 में सरकार का कैपिटल एक्सपेंडिचर 33 पर्सेंट से भी ज्यादा की बढ़ोतरी के साथ 10 लाख करोड़ रुपये था। इस साल बाजार को इसमें 15 से 20 पर्सेंट की बढ़ोतरी की उम्मीद है, लेकिन जेफरीज का मानना है कि यह आंकड़ा महज 7-8 पर्सेंट रह सकता है।

जेफरीज के महेश नंदूरकर और अभिनव सिन्हा ने बताया, 'सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रोग्राम में कुछ करेक्शन देखने को मिल सकता है। हमने हाल में अपने मॉडल पोर्टफोलियो में L&T को न्यूट्रल कर दिया है।' इसके बावजूद, जेफरीज का मानना है कि सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर में सुस्ती की भरपाई हाउसिंग सेक्टर में तेजी और प्राइवेट सेक्टर के कैपिटल एक्सपेंडिचर में तेजी से हो सकेगी।


कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च और फिस्कल डेफिसिट

जेफरीज के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में सरकार का सामाजिक योजनाओं पर खर्च (सब्सिडी को छोड़कर) तकरीबन 7-8 पर्सेंट बढ़ सकता है, जबकि वित्त वर्ष 2024 में इसमें 4 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी। सामाजिक योजनाओं पर खर्च में बढ़ोतरी और कैपिटल एक्सपेंडिचर ग्रोथ को कम कर सरकार वित्त वर्ष 2026 तक फिस्कल डेफिसिट को 4.5 पर्सेंट तक सीमित करने की कोशिश करेगी।

इन स्टॉक पर नजर रखने की जरूरत

ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर या कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के फैसले का असर सीमेंट और रूरल रिकवरी थीम मसलन टेलीकॉम (भारती एयरटेल), टू-व्हीलर (टीवीएस मोटर, हीरो मोटोकॉर्प) और अल्ट्राटेक (Ultratech) पर देखने को मिल सकता है। बैंक/इंश्योरेंस कंनपियों की FPI लिमिट को 74 पर्सेंट से बढ़ाकर 100 पर्सेंट किए जाने की संभावना है, लिहाजा इन कंपनियों पर भी असर देखने को मिल सकता है।

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