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Union Budget 2024 : टैक्स-फ्री एन्युटी इनकम और नई रीजीम में टर्म पॉलिसी के लाभ चाहती है लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री

Interim Budget 2024 : लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री का कहना है कि एनपीएस को मिलने वाली टैक्स-छूट इंश्योरेंस कंपनियों की पेंशन स्कीम को भी मिलनी चाहिए। इससे पेंशन कवरेज बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी सेक्शन 80सी की 1.5 लाख रुपये तक की लिमिट के अलावा एनपीएस में निवेश पर अतिरिक्त 50,000 रुपये का डिडक्शन भी मिलता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 24, 2024 पर 4:43 PM
Union Budget 2024 : टैक्स-फ्री एन्युटी इनकम और नई रीजीम में टर्म पॉलिसी के लाभ चाहती है लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री
Budget 2024 : एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स की नई रीजीम उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो सेविंग्स पर डिडक्शन क्लेम नहीं करना चाहते। लेकिन, इसमें लाइफ इंश्योरेंस की टर्म पॉलिसी शामिल की जानी चाहिए।

Budget 2024 : लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को यूनियन बजट (Union Budget) से काफी उम्मीदें हैं। पिछले साल बजट में सरकार ने सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली एन्डॉमेंट पॉलिसीज का टैक्स-फ्री स्टेटस खत्म कर दिया था। सरकार ने कहा था कि ऐसी पॉलिसी के मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स लगेगा। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को उम्मीद है कि सरकार इस नियम में राहत देगी। एडलवाइज टोक्यो लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ सुमीत राय ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार इस नियम में राहत देगी। जीवन बीमा कंपनियों ने इस बारे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से गुजारिश की है। सरकार को 5 लाख रुपये की प्रीमियम की शर्त को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की सलाह दी गई है। हमें इस बारे में अंतरिम बजट में ऐलान होने की उम्मीद है। इंश्योरेंस इंडस्ट्री को उम्मीद है कि सरकार लाइफ इंश्योरेंस और पेंशन के दायरे में आबादी के बड़े हिस्से को लाने के लिए कदम उठाएगी।

लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की पेंशन स्कीम को भी एनपीएस जैसी टैक्स-छूट

लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री का कहना है कि एनपीएस को मिलने वाली टैक्स-छूट इंश्योरेंस कंपनियों की पेंशन स्कीम को भी मिलनी चाहिए। इससे पेंशन कवरेज बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी सेक्शन 80सी की 1.5 लाख रुपये तक की लिमिट के अलावा एनपीएस में निवेश पर अतिरिक्त 50,000 रुपये का डिडक्शन भी मिलता है। यह सेक्शन 80सीसीडी(1बी) के तहत मिलता है। एंप्लॉयी के एनपीएस में एंप्लॉयर के 10 फीसदी (बेसिक पे और डीए) तक के कंट्रिब्यूशन पर भी डिडक्शन मिलता है।

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