Union Budget 2024 : वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट है, जिससे इसमें बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं है। लेकिन, 2019 में अंतरिम बजट में सरकार ने बड़े ऐलान किए थे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी, 2019 को Interim Budget पेश किया था। इसमें उन्होंने इनकम टैक्स के रिबेट की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी थी। इसका मतलब यह था कि जिन लोगों की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक थी, उन्हें टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं रह गई थी। नौकरी करने वाले लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था। इसलिए 1 फरवरी को पेश होने वाले सीतारमण के अंतरिम बजट में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
बजट 2024 : ITR फाइलिंग में आई थी दिक्कत
पिछले साल कई नॉन-रेजिडेंट इंडियंस (NRI) इनऑपरेटिव PAN की वजह से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर सके थे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बारे में सर्कुलर जारी किया था। इसमें उसने प्रॉब्लम के समाधान का तरीका बताया था। एनआरआई को अपने रेजिडेंशियल स्टेटस को अपडेट करने के प्रोसिजर बताए थे। लेकिन इसे बहुत मदद नहीं मिली। टैक्स कंसल्टेंसी फर्म चार्टर्ड क्लब के फाउंडर करण बत्रा ने कहा, "एनआरआई का टैक्स रिफंड अटका हुआ है, क्योंकि आधार से लिंक नहीं होने की वजह से उनके पैन इनएक्टिव हैं।"
बजट 2024 : एनआरआई को आधार की इजजात नहीं
उन्होंने कहा कि एनआरआई को आधार हासिल करने की इजाजत नहीं है। इसलिए ऐसे मामलों में एनआरआई ने लोकल आईटी ऑफिसेज का दरवाजा खटखटाया है। लोकस एसेसमेंट ऑफिसर्स ने एनआरआई का भरोसा दिलाया है कि उनके मामले का समाधान निकलेगा। लेकिन, इसमें काफी समय लग रहा है। एनआरआई आईटी ऑफिसेज को इस बारे में ईमेल भेज रहे हैं। लेकिन इस मामले का समाधान नहीं निकल रहा है।
बजट 2024 : एनआरआई के पैन-आधार लिंक करने की अनिवार्यता खत्म हो
बत्रा का कहना है कि सरकार को ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जिसमें पैन को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता खत्म हो जाए। एनआरआई को टैक्स रिफंड का प्रोसेस पूरा करने के लिए अपना एड्रेस और सिटीजनशिप प्रूफ ऑनलाइन अपलोड करने की इजाजत देनी चाहिए। इससे बड़ी संख्या में एनआरआई को राहत मिलेगी।
बजट 2024 : इनकम टैक्स की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट खत्म करने की जरूरत
एक्सपर्ट्स ने मनीकंट्रोल को बताया है कि सरकार को इनकम टैक्स की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाने की जरूरत है। इसमें 50,000 रुपये तक की वृद्धि होनी चाहिए। अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट सालाना 2.5 लाख रुपये है और नई रीजीम में सालाना 3 लाख रुपये है। पिछले साल यूनियन बजट में वित्तमंत्री ने नई टैक्स रीजीम की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी थी।