Chinese Loan App Case: केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने शुक्रवार दो सितंबर को चाइनीज लोन ऐप्स से जुड़े मामले में फिनटेक कंपनियों के छह ठिकानों पर छापे मारे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिग्गज फिनटेक कंपनियों रेजरपे (Razorpay), कैशफ्री पेमेंट्स (Cashfree Payments) और पेटीएम पेमेंट सर्विसेज (Paytm Payment Services) के बंगलुरू स्थित छह ऑफिसों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। ईडी ने जानकारी दी कि चीनी कंपनियों के मर्चेंट आईडी और बैंक खातों से अभी तक 17 करोड़ रुपये जब्त हुए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी का सर्च ऑपरेशंस अभी भी जारी है।
ईडी ने एक बयान जारी किया है। जारी बयान के मुताबिक प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई हो रही है। इस कार्रवाई के तहत किसी चाइनीज शख्स से जुड़ी कंपनियों की भी तलाशी ली गई।
यह कार्रवाई बेंगलूरु सिटी के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दाखिल कई एफआईआर को लेकर की गई। लोगों ने मोबाइल ऐप्स के जरिए कुछ कंपनियों या शख्स से छोटी राशि के कर्ज लिए गए थे जिसकी वसूली के लिए उन्हें हैरेसमेंट का शिकार होना पड़ा। इसे लेकर एफआईआर दर्ज किया गया था। इसके बाद ईडी ने इस मामले में शुक्रवार को सर्च ऑपरेशंस चलाया।
अनरजिस्टर्ड और फर्जी ऐप्स के जरिए डिजिटल उधारी का चलन बड़ी चिंता का विषय बन चुका है और इसे लेकर आरबीआई भी चिंता जाहिर कर चुका है। करीब दो साल पहले वर्ष 2020 में इन डिजिटिल ऐप्स से ऊंची दरों पर लिए गए कर्ज की रिकवरी की प्रक्रिया से परेशान होकर कुछ लोगों ने आत्महत्या कर लिया। इन डिजिटल ऐप्स की फंडिंग और ओरिजिन चीन तक है और ऐसे में इसकी जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO), आईबी और रॉ भी कर रही है। 2 अगस्त को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा को सूचित किया था कि विदेशी समेत संदेहास्पद डिजिटल लोन ऐप्स और जो भारतीय इनकी मदद कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
रेजरपे के प्रवक्ता ने कहा कि उनके कुछ मर्चेंट्स की करीब डेढ़ साल पहले ईडी ने जांच की थी और अब मौजूदा जांच में अतिरिक्त जानकारियां मांगी गई थी जिसमें पूरा सहयोग किया गया। रेजरपे के प्रवक्ता के मुताबिक अथॉरिटीज कंपनी की कार्यशैली से संतुष्ट दिखी। वहीं पेटीएम ने सर्च ऑपरेशंस को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की और कैशफ्री से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं प्राप्त हुई है।