Coal India : पब्लिक सेक्टर की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के कोल प्रोडक्शन में सितंबर में सालाना आधार पर 12.6 फीसदी का उछाल आया है। इस दौरान कंपनी ने 5.14 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया। इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी ने 4.57 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था। घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का योगदान 80 फीसदी से अधिक है। बीते शुक्रवार को कोल इंडिया के शेयर 1.72 फीसदी बढ़कर 295.20 रुपये के भाव पर बंद हुए हैं।
पहली छमाही में कैसा रहा प्रदर्शन
BSE को भेजी जानकारी में कंपनी ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में उसका उत्पादन 11.3 फीसदी बढ़कर 33.29 करोड़ टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 29.9 करोड़ टन था। वित्तीय वर्ष 2024 की पहली छमाही का आंकड़ा कोल इंडिया के पूरे साल के उत्पादन लक्ष्य 780 मीट्रिक टन का 42.67 फीसदी है।
वर्ष की पहली छमाही में कोल इंडिया की दो सब्सिडियरी कंपनियों - महानदी कोलफील्ड्स और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स को छोड़कर सभी ने प्रोडक्शन में 14 फीसदी से 23 फीसदी तक डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की। मानसून के महीनों के कारण वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में उत्पादन आम तौर पर धीमा रहता है। वित्तीय वर्ष 2023 में भी वर्ष के अंत से एक दिन पहले अपने 700 मीट्रिक टन उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने से पहले कोल इंडिया का उत्पादन वर्ष की पहली छमाही में एनुअल टारगेट का 42 फीसदी रहा।
कोयला उठाव 12.6 फीसदी बढ़ा
सितंबर में कोल इंडिया का कोयला उठाव 12.6 प्रतिशत बढ़कर 5.51 करोड़ टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में 4.89 करोड़ टन था। अप्रैल-सितंबर की अवधि में महारत्न कंपनी का कोयला उठाव भी 8.6 फीसदी बढ़कर 36.07 करोड़ टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 33.2 करोड़ टन था।
हाल ही में CNBC-TV18 के साथ खास बातचीत में कोयला सचिव अमृत लाल मीना ने कहा कि हालांकि कोयले की उपलब्धता चिंता का विषय नहीं है, लेकिन लॉजिस्टिक मुद्दों के कारण कुछ उपभोक्ताओं को आपूर्ति में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि उत्पादन क्षेत्रों से देश के अलग-अलग हिस्सों तक कोयले का ट्रांसपोर्टेशन चैलेंजिंग हो सकता है, खासकर दूरदराज की जगहों में स्थित उपभोक्ताओं के लिए। उन्होंने कहा कि इन लॉजिस्टिक बाधाओं के कारण कुछ उपभोक्ताओं के लिए कोयला डिलीवरी में देरी हुई है।