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सरकार ने 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को किया ब्लॉक, ऐप-वेबसाइट हटाने का आदेश; मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला

FIU-IND ने 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को नोटिस जारी करके ब्लॉक करने का फैसला किया। ये भारत में रजिस्टर्ड नहीं हैं और मनी लॉन्ड्रिंग कानून का पालन नहीं कर रही। सरकार ने इनके ऐप और वेबसाइट हटाने का आदेश दिया है। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Oct 01, 2025 पर 11:29 PM
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सरकार ने इन कंपनियों को नोटिस भेजकर उनके एप्लिकेशन और वेबसाइट को सार्वजनिक रूप से हटाने का आदेश दिया है।

फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट - इंडिया (FIU-IND) ने 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को नोटिस जारी किया है। इन एक्सचेंजों ने भारत में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। साथ ही, ये भारत के मनी लॉन्ड्रिंग कानून का पालन भी नहीं करती हैं। इस लिस्ट में Huione, Paxful, CEX.IO, Coinex, BitMex, Bitrue, CoinCola जैसे कई नाम शामिल हैं।

FIU-IND की ओर से जारी यह दूसरी लिस्ट है। करीब दो साल पहले नौ बड़े ऑफशोर एक्सचेंजों को इसी तरह के नोटिस भेजे गए थे। इनमें Binance, KuCoin, OKX और Bybit जैसे नाम शामिल थे।

FIU-IND का आदेश और सरकार का रुख


वित्त मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने इन कंपनियों को नोटिस भेजकर उनके एप्लिकेशन और वेबसाइट को सार्वजनिक रूप से हटाने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि ये एक्सचेंज भारत में PML Act, 2002 के नियमों का पालन किए बिना अवैध रूप से काम कर रहे थे। अब तक करीब 50 वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (VDA SPs) ने FIU-IND में रजिस्ट्रेशन कराया है।

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में क्रिप्टो से जुड़े नियम किसी कंपनी के यहां 'फिजिकल ऑफिस' या शाखा होने पर निर्भर नहीं करते। चाहे क्रिप्टो कंपनी पूरी तरह से ऑफशोर यानी भारत के बाहर से काम कर रही हो, फिर भी उसे नियमों का पालन करना जरूरी है।

इस नियम के तहत वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (VDA SPs) को अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट जमा करनी होती है, रिकॉर्ड रखना होता है और अन्य जिम्मेदारियों का पालन करना होता है।

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VDA SP क्या हैं और क्रिप्टो के जोखिम

सरकार के मुताबिक, वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (VDA SPs) वे कंपनियां या प्लेटफॉर्म हैं जो क्रिप्टो और डिजिटल एसेट्स से जुड़ी कई गतिविधियां करती हैं। उदाहरण के लिए, ये कंपनियां भारत में या बाहर से डिजिटल एसेट और फिएट करेंसी (जैसे रुपये, डॉलर) के बीच लेन-देन कर सकती हैं। ये डिजिटल एसेट को ट्रांसफर कर सकती हैं, उन्हें सुरक्षित रख सकती हैं, उनका मैनेजमेंट कर सकती हैं या किसी डिजिटल एसेट पर नियंत्रण का साधन उपलब्ध करा सकती हैं।

इन सभी कंपनियों के लिए जरूरी है कि वे FIU-IND (भारत की वित्तीय खुफिया इकाई) में रजिस्ट्रेशन कराएं और PML Act, 2002 के तहत तय सभी नियमों का पालन करें। यानी, चाहे वे भारत में हों या बाहर, उन्हें रिपोर्टिंग, रिकॉर्ड रखना और अन्य कानूनी जिम्मेदारियां निभानी अनिवार्य हैं।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार अभी भी सतर्क है। मंत्रालय ने कहा कि क्रिप्टो प्रोडक्ट्स और NFTs अनियंत्रित हैं और इनमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे लेन-देन में किसी भी नुकसान के लिए कोई रेगुलेटर मदद नहीं कर सकता।

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सरकार के आदेश का यूजर्स पर क्या असर होगा

एक्सचेंज एक्सेस में दिक्कत: FIU-IND ने नोटिस जारी करके इन ऑफशोर एक्सचेंजों के ऐप और वेबसाइट को हटाने का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि अगर यूजर इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल भारत से करते हैं, तो उन्हें इन वेबसाइट्स या ऐप्स तक पहुंचने में दिक्कत आ सकती है।

निवेश जोखिम बढ़ेगा: इन एक्सचेंजों का भारत में रजिस्ट्रेशन नहीं है और ये PML Act के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। इसलिए इन प्लेटफॉर्म्स पर किए गए निवेश या लेन-देन के लिए कोई कानूनी सुरक्षा या रेगुलेटरी मदद उपलब्ध नहीं होगी। यूजर्स को अपने पैसे के नुकसान का कोई दावा करने का अधिकार नहीं मिलेगा।

सुरक्षित विकल्प चुनने की जरूरत: यूजर्स के लिए अब जरूरी है कि वे केवल FIU-IND में रजिस्टर्ड VDA SPs या भारत में कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें। इससे उनकी निवेश सुरक्षा बढ़ती है और भविष्य में किसी नुकसान की स्थिति में मदद मिलने की संभावना रहती है।

NFTs और क्रिप्टो प्रोडक्ट्स में सतर्कता: सरकार ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टो प्रोडक्ट्स और NFTs अनियंत्रित हैं और जोखिम भरे हो सकते हैं। इसलिए यूजर्स को निवेश करते समय सतर्क रहना चाहिए और सिर्फ वही राशि लगानी चाहिए जिसे वे खोने का जोखिम उठा सकते हैं।

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