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Crypto Trading in India: दोबारा शुरू होगी Coinbase की सर्विसेज, इस कारण दो साल बाद वापसी का बनाया मूड

Coinbase Re-Entry in India: कॉइनबेस करीब दो साल बाद फिर भारत में वापसी की तैयारी कर रही है। वैश्विक विस्तार की स्ट्रैटेजी के तहत भारत में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के पास इसने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। जानिए कि पिछली बार इसने भारत में कारोबार बंद क्यों किया था और दोबारा यहां वापस आने की योजना क्यों बनी?

अपडेटेड Mar 11, 2025 पर 6:31 PM
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इस साल के आखिरी तक कॉइनबेस शुरुआती रिटेल सर्विसेज लॉन्च करेगी। इसके बाद यह प्रोडक्ट्स की संख्या बढ़ाएगी।

Crypto Trading in India: वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस (Coinbase) इस साल 2025 के आखिरी तक भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग सर्विसेज शुरू कर देगी। भारत के फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के पास इसका रजिस्ट्रेशन हो चुका है। यह इसकी वैश्विक विस्तार की स्ट्रैटेजी के तहत ही है। यह ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की क्रिप्टो को सपोर्ट करने वाली नीतियों के चलते क्रिप्टो सेक्टर में काफी हलचल दिख रही है। कॉइनबेस से पहले भारत में बाईनेंस (Binance) और कुकॉइन (KuCoin) ने भी भारत में एंट्री की थी। वहीं कॉइनबेस की यह भारत में दूसरी बार एंट्री होगी।

भारत में होगी Coinbase की दूसरी पारी

कॉइनबेस इससे पहले भी भारत में आ चुकी है। इससे पहले यह अप्रैल 2022 में भारत में आई थी जब यहां सरकार ने क्रिप्टो पर हाई टैक्सेज लगाए थे। उस समय प्लेटफॉर्म पर यूपीआई के जरिए क्रिप्टो को खरीदने-बेचने में काफी दिक्कतें आई थी। अभी भी क्रिप्टो सेक्टर के लिए बैंकिंग सर्विसेज का एक्सेस और रुपये में निकासी को मंजूरी देने की चुनौती बनी हुई है।


कॉइनबेस पिछली बार जब आई थी तो इसका खास फीचर यूपीआई पेमेंट ऑप्शन होने वाला था लेकिन नियामकीय दबाव में इसे बंद करना पड़ा। मई 2022 में कॉइनबेस के को-फाउंडर और सीईओ ब्रायन आर्मस्ट्रांग ने कंपनी की पहली तिमाही की अर्निंग्स कॉल के दौरान कहा था कि कंपनी को इसे बंद करने के लिए आरबीआई से दबाव पड़ा था। आखिरकार सितंबर 2023 में इसने अपने ग्राहकों को कहा कि भारतीय ग्राहकों के लिए सेवाएं बंद हो रही है और उन्हें अपना पैसा 25 सितंबर तक अपने खातों से निकालना होगा। बाद में यह समय सीमा 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई थी।

फिर वापसी की क्यों है तैयारी?

इस साल के आखिरी तक कॉइनबेस शुरुआती रिटेल सर्विसेज लॉन्च करेगी। इसके बाद यह प्रोडक्ट्स की संख्या बढ़ाएगी। कॉइनबेस ने इन सबकी जानकारी 11 मार्च को एक ब्लॉग पोस्ट में दी। कंपनी फिर से भारत में एंट्री इसलिए कर रही है क्योंकि इसके रीजनल मैनेजिंग डायरेक्टर (APAC) John O'Loghlen का कहना है कि भारत में क्रिप्टो मार्केट में ग्रोथ के काफी मौके हैं। ब्लॉगपोस्ट में क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस का कहना है कि भारत तेजी से ऑनचेन डेवलपमेंट हब में बदल रहा है। वैश्विक डेवलपर्स में इसकी हिस्सेदारी वर्ष 2018 में 3 फीसदी से बढ़कर वर्ष 2023 में 12 फीसदी पर पहुंच गई। क्रिप्टो एक्सचेंज का कहना है कि ऑनचेन स्पेस में यहां सबसे अधिक सघन टैलेंट है।

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First Published: Mar 11, 2025 6:31 PM

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