चिप बनाने वाली ग्लोबल कंपनियां भारत में तेजी से बढ़ रही सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और पैकेजिंग इकोसिस्टम पर नजर गड़ाए हुए हैं। ये वे कंपनियां हैं, जिनकी चिप भारत में बिकने वाले ज्यादातर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन्स में यूज होती हैं। इन कंपनियों में क्वालकॉम और मीडियाटेक भी शामिल हैं। इन ग्लोबल कंपनियों का कहना है कि भारत में लोकल सोर्सिंग से लागत कम करने, सप्लाई चेन्स को मजबूत करने और भारतीय उपभोक्ताओं के लिए डिवाइसेज को ज्यादा किफायती बनाने में मदद मिल सकती है।
क्वालकॉम और मीडियाटेक ने भारत की उभरती हुई फैब्रिकेशन और चिप पैकेजिंग क्षमताओं का फायदा उठाने की इच्छा जताई है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर है कि लोकल प्रोडक्शन रणनीतिक और व्यावसायिक रूप से कारगर साबित हो। मीडियाटेक ताइवान की कंपनी है, वहीं क्वालकॉम अमेरिकी कंपनी है।
निश्चित रूप से संभावना का मूल्यांकन करेंगे: मीडियाटेक
मीडियाटेक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकु जैन ने मनीकंट्रोल को बताया, "पिछले 20 सालों में भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने में कई बार असफलता हाथ लगी है। लेकिन इस बार, मेरा मानना है कि चीजें वाकई आगे बढ़ रही हैं। हम निश्चित रूप से इस संभावना का मूल्यांकन करेंगे। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इकोसिस्टम कैसे मैच्योर होता है, लेकिन अगर यह रणनीतिक और व्यावसायिक रूप से सार्थक हुआ, तो हमें स्थानीय स्तर पर सोर्सिंग करने में खुशी होगी।"
जैन ने आगे कहा कि अब हर बड़ा सप्लायर भारत में आना चाहता है क्योंकि दूसरे भी बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। सरकार की PLI यानि कि (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजनाओं ने इस गति को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “लगभग 10 प्रमुख सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। यह वृद्धि केवल फैब (fabrication) और OSATs (Outsourced Semiconductor Assembly and Test) तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग तक फैली हुई है। मीडियाटेक भले ही एक फैबलेस कंपनी हैं, लेकिन इकोसिस्टम का यह विस्तार हमें उत्साहित करता है क्योंकि यह लोकल लेवल पर अधिक कोलैबोरेशन और इनोवेशन को सक्षम कर सकता है।”
क्वालकॉम के चीफ ऑपरेशनल ऑफिसर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर आकाश पालकीवाला का कहना है कि कंपनी भारत की चिप पैकेजिंग क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए टाटा ग्रुप सहित कई सप्लायर्स के साथ पहले से ही बातचीत कर रही है। साथ ही नई फैब कंपनियों के साथ जुड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने मनीकंट्रोल को बताया है, “सरकार सेमीकंडक्टर, मेड इन इंडिया और देश के डिजिटलीकरण से जुड़ी बहुत मजबूत पहल शुरू कर रही है। हम इन कोशिशों का कई तरह से सपोर्ट कर रहे हैं...हम विभिन्न सप्लायर्स के साथ बातचीत कर रहे हैं। जैसे-जैसे वे क्षमता बढ़ाएंगे, उस तरह की मैन्युफैक्चरिंग खड़ी करेंगे जिसकी हमें जरूरत है, हम उसका फायदा उठाने की योजना बना रहे हैं। हम टाटा ग्रुप और अन्य समूहों के साथ भी जुड़े हुए हैं।”
दोनों कंपनियां भारत में R&D पर बढ़ा रहीं निवेश
क्वालकॉम और मीडियाटेक दोनों ही चिप डिजाइन करने में माहिर हैं। दोनों को स्मार्टफोन, टैबलेट, IoT यानि इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइस और टेलिकॉम इक्विपमेंट्स को पावर देने वाले प्रोसेसर के लिए जाना जाता है। दोनों ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर बढ़ते निवेश के जरिए भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं। मीडियाटेक के जैन ने कहा है, "हमारे भारतीय R&D सेंटर 2 प्रमुख भूमिकाएं निभाते हैं। पहला ग्लोबल R&D का विस्तार, जहां हम 5G, AI, वाई-फाई और कनेक्टिविटी जैसी टेक्नोलॉजिज पर काम कर रहे हैं। इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डिजाइन दोनों शामिल हैं। दूसरा, जैसे-जैसे भारत का लोकल इकोसिस्टम विकसित हो रहा है, हमारी टीमें लोकल पार्टनर्स और कंपनियों को सपोर्ट करने पर भी फोकस कर रही हैं। इससे उन्हें हमारे सॉल्यूशंस को इंटीग्रेट और ऑप्टिमाइज करने में मदद मिलती है।" क्वालकॉम के पालकीवाला का कहना है कि पिछले दो दशकों में, खासकर पिछले 5 सालों के दौरान भारत में कंपनी के R&D में काफी बढ़ोतरी हुई है।
चिप प्रोटोटाइप जल्द ही होंगे शुरू
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 76,000 करोड़ रुपये के भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत 6 राज्यों में कुल 10 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इनमें लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किए जाने का प्रस्ताव है। अगस्त में सरकार ने आईएसएम के तहत 4,594 करोड़ रुपये के 4 नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। इससे स्वीकृत चिप मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की कुल संख्या 10 हो गई। इनमें माइक्रोन, सीजी सेमी, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का असम स्थित चिप असेंबली प्लांट और केन्स ओएसएटी प्लांट शामिल हैं। इनका कुल निवेश लगभग 66,000 करोड़ रुपये है। सीजी सेमी, माइक्रोन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और केन्स इस साल अपनी पायलट प्रोडक्शन लाइंस से चिप प्रोटोटाइप लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। अगले साल इन्हें कमर्शियल तौर पर पेश किए जाने की उम्मीद है।