Crypto Rip Deals: क्रिप्टो इंडस्ट्री में फर्जीवाड़ा और घोटाले के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस बार ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें यूरोप के कुछ देशों के लोगों को करोड़ो डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा। क्रिप्टो रिप डील्स (Crypto Rip Deals) के तहत इस घोटाले में फ्रॉडस्टर्स ने खुद को इंवेस्टमेंट एजेंट्स के तौर पर पेश किया। उन्होंने हफ्तों, महीनों तक निवेश का झांसा दिया और फिर क्रिप्टो लेकर फुर्र हो गए। यहां इस फर्जीवाड़े के बारे में, उन पर संदेह क्यों नहीं हुआ और इस मामले में अथॉरिटीज क्या कर रही हैं, इसकी पूरी डिटेल्स दी जा रही है।
क्या है यह पूरा फर्जीवाड़ा
वेब यानी इंटरनेट की अगली पीढ़ी web3 के कई डेवलपर्स कुछ खास प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। हालांकि इनमें से कई प्रोजेक्ट्स फंडिंग की कमी के चलते कभी साकार नहीं हो पाते हैं। ऐसे में स्कैमर्स के निशाने पर ऐसे ही डेवलपर्स आए जो फंडिंग के लिए बैचेन थे। स्कैमर्स ने खुद को सीड इंवेस्टर्स यानी शुरुआती निवेशक या स्मॉल टाइम वेंचर कैपिटलिस्ट्स के तौर पर पेश किया। उन्होंने ऐसे प्रोजेक्ट्स की तलाश की जिसे फंडिंग की जरूरत थी। फिर उन्होंने रेस्टोरेंट या होटल लॉबी में मीटिंग की।
इसके बाद वे प्रोजेक्ट डेवलपर्स से प्रूफ-ऑफ-कांसेप्ट, रोडमैप्स इत्यादि डिटेल्स मांगते और फिर अंतिम स्टेप में वे निवेश से पहले कुछ प्रूफ ऑफ फंड्स उपलब्ध कराने को कहते। स्कैमर्स इन डेवलपर्स से एक नया वॉलेट सेट अप कर के प्रूफ ऑफ फंड्स के तौर पर पैसे इसमें ट्रांसफर करने को कहते थे। एक बार पैसे ट्रांसफर होने के बाद स्कैमर्स ने किसी तरह पूरे पैसे को निकाल लिया और डेवलपर्स ठगे रह गए।
डेवलपर्स के मुताबिक स्कैमर्स पर इसलिए संदेह नहीं हुआ क्योंकि उनके कंपनी का वेबसाइट था जिसमें ऑफिशियल ई-मेल आईडी थी। उन्होंने अपने पासपोर्ट की स्कैन कॉपी के साथ लेटर ऑफ इंटेंट भी दिया था। इसके अलावा वे टॉप के होटल्स में मीटिंग अरेंज करते थे।
हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि स्कैमर्स ने उनके वॉलेट का एक्सेस कैसे हासिल किया और उनकी क्रिप्टो होल्डिंग्स चुरा ली। स्कैमर्स ने कभी उनकी डिवाइस लिया और न तो वॉलेट के प्राइवेट की उनके पास थे। ऐसे में पीड़ित डेवलपर्स मान रहे हैं कि इसमें सम्मोहन या हिडेन कैमरे का इस्तेमाल किया गया।
क्रिप्टो रिप डील्स के मामलों का खुलासा अभी तक ऑस्ट्रिया, इटली, स्पेन और जर्मनी में हुआ है। अथॉरिटीज का मानना है कि यह फर्जीवाड़ा कई देशों में हुआ है तो इन सभी देशों की अथॉरिटीज को मिलकर इस मामले में आगे बढ़ना होगा। इसमें औपचारिकताएं पूरी होने में कुछ समय लग सकता है। हालांकि अच्छी खबर ये है कि रिप डील्स के मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। पिछले साल नवंबर 2022 में इटली में ऑस्ट्रिया के एक नागरिक को रिप डील्स करते हुए गिरफ्तार किया गया था।
(डिस्क्लेमर: क्रिप्टो इंडस्ट्री अभी शुरुआती दौर में है तो फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए यह सुनहरे मौके के तौर पर दिख रहा है। ऐसे में निवेश से जुड़े किसी भी ऑफर की पूरी तरह जांच करके ही आगे बढ़ें। निवेश से पहले खुद रिसर्च करें और अपने क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स को उचित तरीके से सुरक्षित करें।)