Digital Rupee के इस्तेमाल से बड़ा बदलाव आएगा: SBI चेयरमैन दिनेश खारा

डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से फिजिकल करेंसी के मैनेजमेंट पर आने वाले खर्च में कमी आएगी। साथ ही इकोनॉमी में फाइनेंशियल इनक्लूजन बढ़ेगा। आरबीआई ने 1 नवंबर को होलसेल डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था

अपडेटेड Dec 03, 2022 पर 4:37 PM
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Digital Rupee के पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में SBI के अलावा ICICI Bank, Yes Bank और IDFC First Bank शामिल हैं।

Digital rupee: SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने रिटेल डिजिटल रुपये (Digital Rupee) के पहले पायलट प्रोजेक्ट को गेम चेंजर बताया है। उन्होंने कहा कि इसके दूरगामी नतीजे होंगे और बहुत कम खर्च में पैसे को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकेगा। RBI ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का पायलट प्रोजेक्ट चार शहरों में शुरू किया है। इनमें मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर शामिल हैं। इसकी शुरुआत 2 दिसंबर को हुई है। इस पायलट प्रोजेक्ट में जिन बैंकों को शामिल किया गया है, उनमें State Bank of India भी शामिल है। इसे क्लोज्ड ग्रुप (CUG) में शुरू किया गया है, जिनमें कस्टमर्स और दुकानदार शामिल हैं।

पहले चरण में चार शहरों में लॉन्च

पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में SBI के अलावा ICICI Bank, Yes Bank और IDFC First Bank शामिल हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि धीरे-धीरे दूसरे शहरों में भी डिजिटल रुपये को लॉन्च किया जाएगा। दूसरे चरण में शामिल होने वाले शहरों के नामों का ऐलान किया जा चुका है।


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करेंसी नोट जितना सुरक्षित

डिजिटल रुपये के दूसरे चरण में और चार बैंकों को भी शामिल किया जाएगा। e-R डिजिटल टोकन के रूप में है, जो लीगल टेंडर के बराबर है। इसके साथ फिजिकल करेंसी जैसा ट्रस्ट, सेफ्टी और सेटलमेंट फाइनलिटी जुड़े हैं। केंद्रीय बैंक ने 29 नवंबर को कहा था कि कैश की तरह डिजिटल करेंसी पर किसी तरह का इंटरेस्ट नहीं मिलेगा। इसे मनी के दूसरे फॉर्म में बदला जा सकता है।

फाइनेंशियल इनक्लूजन बढ़ाने में मददगार

माना जा रहा है कि डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से फिजिकल करेंसी के मैनेजमेंट पर आने वाले खर्च में कमी आएगी। साथ ही इकोनॉमी में फाइनेंशियल इनक्लूजन बढ़ेगा। आरबीआई ने 1 नवंबर को होलसेल डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। CBDC के डिस्ट्रिब्यूशन के लिए टू-टीयर मॉडल बनाया गया है। e₹-R को इश्यू और रिडीम करने का काम RBI करेगा, जबकि इसके डिस्ट्रिब्यूशन और पेमेंट से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी बैंकों को दी गई है। यह मॉडल उसी तरह से काम करता है, जिस तरह से फिजिकल करेंसी का मॉडल काम करता है।

आपको होंगे ये फायदे

जब देश के ज्यादातर हिस्सों में डिजिटल करेंसी लॉन्च हो जाएगी तो आपको जेब में करेंसी नोट या कॉइंस रखने की जरूरत नहीं रह जाएगी। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि करेंसी नोट की तरह इसके फटने, पानी में धुलने या खोने का डर नहीं होगा। इस वजह से इसे इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित होगा। आपको नए इलाके में करेंसी नोट निकालने के लिए एटीएम की तलाश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

MoneyControl News

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First Published: Dec 03, 2022 4:28 PM

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