Direct tax collections: केंद्र सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन मौजूदा वित्त वर्ष (FY26) में 1 अप्रैल से 10 नवंबर के बीच 12.92 लाख करोड़ रुपये रहा। इस टैक्स कलेक्शन में रिफंड घटाया गया है। यह पिछले साल की तुलना में 7% ज्यादा है। लेकिन यह ग्रोथ उस 16.1% लक्ष्य से काफी कम है, जो सरकार ने केंद्रीय बजट में तय किया है।
कॉरपोरेट और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन
सरकारी डेटा के मुताबिक, 10 नवंबर तक नेट कॉरपोरेट टैक्स 5.37 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें 5.7% की बढ़त हुई। वहीं नॉन-कॉरपोरेट टैक्स 7.55 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 8.2% ज्यादा है। इसमें पर्सनल इनकम टैक्स और STT भी शामिल हैं।
हालांकि बजट में इन दोनों कैटेगरी में क्रमश: 9.7% और 21.6% वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जो मौजूदा ग्रोथ से काफी ऊपर है।
रिफंड 17% घटे, क्या मतलब है?
इस अवधि में टैक्स रिफंड 2.42 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 17% कम है। FY25 में यही आंकड़ा 2.95 लाख करोड़ रुपये था।
Deloitte India के रोहिंटन सिधवा ने कहा, 'रिफंड में इतनी बड़ी गिरावट का मतलब हो सकता है कि जिन टैक्सपेयर्स ने कैश टैक्स भरा था, वे अब टैक्स नेट में नहीं हैं, या सरकार ने रिफंड जारी करने की गति धीमी की है।'
ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2.15% बढ़ा
रिफंड जारी होने से पहले का कुल ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2.15% बढ़कर 15.35 लाख करोड़ रुपये रहा। कुल मिलाकर, यह डेटा बताता है कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ तो रहा है, लेकिन बजट के हिसाब से धीमी रफ्तार पर है। वहीं, रिफंड में भारी कमी एक अलग चिंता का विषय बन रही है।