ED Raid: मोबाइल गेमिंग ऐप धोखाधड़ी मामले में कोलकाता का कारोबारी फरार, 17.32 करोड़ रुपये नकदी जब्त

ED ने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी फरार है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ऐप के मालिकों के कुछ राजनीतिक संपर्कों की छानबीन कर रही है

अपडेटेड Sep 11, 2022 पर 3:16 PM
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एजेंसी के अधिकारियों ने नोट गिनने वाली कम से कम 5 मशीन लगाईं और नकदी का वास्तविक मूल्य जानने के लिए बैंक कर्मियों को बुलाया

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रविवार को कहा कि एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कोलकाता स्थित फर्जी मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी के प्रमोटरों के खिलाफ की गई छापेमारी में 17.32 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। ED ने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी फरार है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ऐप के मालिकों के कुछ राजनीतिक संपर्कों की छानबीन कर रही है। एजेंसी यह जानने का प्रयास कर रही है कि इस रकम से असल में किसे फायदा होता था।

ED कुछ चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित कंपनियों के जरिए यहां कुछ गेमर द्वारा पैसों की हेराफेरी की भी जांच कर रही है। जांच एजेंसी की ओर से जारी एक तस्वीर में बरामद किए गए 500 और 2000 तथा 200 और 100 रुपये के नोट के बंडल एक बिस्तर पर दिख रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि नकदी एक आवास से बरामद की गई जिस पर पते के रूप में ‘एफ 7. एन ए खान’ लिखा हुआ है।

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यह कोलकाता के गार्डन रीच इलाके में स्थित है। ईडी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्य आरोपी आमिर खान फरार है। बयान में कहा गया कि तलाशी के दौरान कई दस्तावेज बरामद हुए जिन्हें जब्त कर लिया गया। परिसर से 17.32 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है।

नोट गिनने के लिए मंगानी पड़ी 5 मशीन

एजेंसी के अधिकारियों ने नोट गिनने वाली कम से कम 5 मशीन लगाईं और नकदी का वास्तविक मूल्य जानने के लिए बैंक कर्मियों को बुलाया। बाद में, एक ट्रक में पूरी नकदी रखी गई जिसे बैंक में जमा किया जाएगा। ईडी ने बताया कि गेमिंग ऐप ‘ई-नग्गेट्स (E-Nuggets)’ और इसके प्रमोटर आमिर खान के आधा दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की।

ED ने 2021 में दर्ज की थी FIR

कोलकाता पुलिस ने फरवरी 2021 में कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया है। ईडी ने कहा कि यह FIR कोलकाता की एक अदालत में फेडरल बैंक के अधिकारियों की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर पार्क स्ट्रीट थाने में दर्ज की गई थी। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि निसार अहमद खान के बेटे आमिर खान ने गेमिंग ऐप ई-नग्गेट्स की शुरुआत की और यह गेम लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के इरादे से डिजाइन किया गया।

एजेंसी ने कहा कि शुरुआती दौर में इस्तेमालकर्ताओं को एक कमीशन दिया जाता था और वॉलेट में मौजूद राशि को बिना किसी दिक्कत के निकाला जा सकता था। ED ने कहा कि इससे यूजर्स का भरोसा इस पर जम गया। इसके बाद उन्होंने अधिक कमीशन बनाने तथा बड़ी तादाद में खरीदारी के लिए और अधिक निवेश करना शुरू किया।

ईडी ने कहा कि जनता से ठीक ठाक राशि एकत्र कर लेने के बाद इस ऐप से इसकी निकासी को सिस्टम अपग्रेडेशन अथवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जांच का बहाना बनाकर अचानक इसे रोक दिया गया। बाद में प्रोफाइल जानकारी सहित सभी डेटा को ऐप सर्वर से मिटा दिया गया। ईडी ने कहा कि इसके बाद यूजर्स को इसकी चाल समझ में आई। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि इस ऐप और इसके संचालकों का संपर्क कहीं चीन के नियंत्रण वाले ऐप से तो नहीं है।

TMC ने झाड़ा पल्ला

तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के महापौर फिरहाद हाकिम ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस छापेमारी का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) का संबंधित कारोबारी से कोई लेना-देना नहीं है। हाकिम ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की जांच पश्चिम बंगाल जैसे गैर बीजेपी शासित राज्य तक ही क्यों सीमित है।

उन्होंने कहा कि अगर 17 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं, तो इन पैसों के स्रोतों की भी निश्चित तौर पर जांच की जानी चाहिए। लेकिन नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का क्या, जिसने 7,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की ठगी की है। उसके (भारत से) भागने से पहले उसकी गड़बड़ी प्रकाश में क्यों नहीं आई।

तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि क्या इसका मतलब यह है कि बंगाल जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्यों के व्यापारियों के खिलाफ ही छापेमारी की जाएगी। यह केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उत्पीड़न के डर से निवेशकों को बंगाल आने से रोकने के लिए है।

BJP का पलटवार

उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि ऐसे बयान डर के कारण दिए जाते हैं, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के साथ इनकी अपवित्र सांठगांठ के बारे में सभी जानते हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जांच एजेंसी की यह छापेमारी आम तौर पर कारोबारी समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह केवल बेईमान व्यापारियों के खिलाफ है। प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री के पास क्या कुछ छिपाने के लिए है।

MoneyControl News

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First Published: Sep 11, 2022 3:11 PM

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