केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने शनिवार को अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में मंत्रालय ने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान EPFO सब्सक्राइबर्स की संख्या में पिछले साल के मुकाबले दोगुनी बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शहरी इलाकों में लगातार चौथी तिमाही बेरोजगारी दर घटी है और यह फिलहाल 7.6% है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने विकसित और विकासशील देशों के बीच निवेश के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है और यह अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सबसे अधिक FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) हासिल करने वाले देशों में 5वें नंबर पर था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुस्ती के बावजूद जून तिमाही में देश का एक्सपोर्ट दूसरे सबसे ऊंचे दर से बढ़ा है। यह भारतीय उत्पादों के मजबूत मांग को दिखाता है और बताता है कि पहली तिमाही का ग्रोथ मोमेंटम दूसरी तिमाही में भी जारी रहा।
भारत अपनी जरूरत का 85.5 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है और इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमतों का घरेलू महंगाई पर बड़ा असर पड़ता है। रिपोर्ट के मुताबिक, "अनिश्चितता से भरे इस वक्त में, संतुष्ट रहना और लंबे समय तक हाथ पर हाथ रखकर बैठना संभव नहीं हो सकता। स्थिरता और टिकाऊ ग्रोथ के लिए लगातार व्यापक आर्थिक सतर्कता जरूरी है।"
ऐसे समय में जब धीमी ग्रोथ और बढ़ती महंगाई दुनिया के अधिकतर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रही है, भारत की ग्रोथ मजबूत रही है और महंगाई नियंत्रण में रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की ग्रोथ आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सतर्क और सोच-समझ कर किए गए वित्तीय प्रबंधन और विश्वसनीय मॉनिटरी पॉलिसी जरूरी है।