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Ethereum New System: दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का अपग्रेड हुआ सिस्टम, बदलाव के बाद अब कर सकते हैं एक्स्ट्रा कमाई

Ethereum New System: मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम (Ethereum) के नेटवर्क में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव हुआ है

अपडेटेड Sep 15, 2022 पर 3:10 PM
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Ethereum नेटवर्क में पहले ब्लॉकचेन को वैलिडेट करने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क (Pow) सिस्टम का इस्तेमाल होता था

Ethereum New System: मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथेरियम (Ethereum) के नेटवर्क में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव हुआ है। इसका असर सभी निवेशकों पर होगा। ईथरियम का सॉफ्टवेयर अपग्रेड हुआ है और इस बदलाव को मर्ज (Merge) नाम दिया गया है।

इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह होगा कि अब इथेरियम में एनर्जी का इस्तेमाल बहुत कम हो जाएगा। अपग्रेड होने के बाद इथेरियम में बिजली की खपत 99 फीसदी कम हो जाएगी यानी कि पहले जहां 100 यूनिट बिजली की खपत होती थी, वहीं अब एक यूनिट बिजली से ही काम हो जाएगा। हालांकि अभी पुराना सिस्टम चालू रहेगा क्योंकि इसके बंद होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

क्या हुआ है बदलाव

इथेरियम के नेटवर्क में पहले ब्लॉकचेन को वैलिडेट करने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क (Pow) सिस्टम का इस्तेमाल होता था। इसकी बजाय अब प्रूफ ऑफ स्टेक (PoS) का इस्तेमाल होगा। दोनों प्रोसेस के तहत ब्लॉकचेन्स के भीतर ब्लॉक बनाए जाते हैं और पुराने ब्लॉक को वैलिडेट किया जाता है। पीओडब्ल्यू के तहत किसी कंप्यूटर के जरिए माइनर्स ब्लॉक्स को सुलझाकर वैलिडेट करते हैं जिसके बदले में उन्हें क्रिप्टोकरेंसी मिलती है। इस पूरी प्रक्रिया में बहुत बिजली खर्च होती है।


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वहीं दूसरी तरफ पीओएस सिस्टम के तहत मौजूदा क्रिप्टोहोल्डर्स अपनी कुछ होल्डिंग को गिरवी रखने के बाद नए ट्रांजैक्शन को वैलिडेट कर सकेंगे जिसके बदले में उन्हें क्रिप्टोकरेंसीज में पेमेंट किया जाएगा। इस सिस्टम में अगर कोई फ्रॉड करने की कोशिश करता है तो उसकी क्रिप्टो का कुछ हिस्सा या पूरा जब्त हो सकता है।

क्या है नए सिस्टम से फायदा

इथेरियम की वेबसाइट पर दी गई डिटेल्स के मुताबिक अब एक सामान्य लैपटॉप के जरिए भी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को वैलिडेट किया जा सकता है। इसमें बिजली की खपत 99 फीसदी तक घट जाती है। हालांकि इसकी कुछ खामियां भी हैं जैसे कि अभी यह नया और इसकी प्रूफ ऑफ वर्क की तुलना में टेस्टिंग कम हुई है। इसके अलावा प्रूफ ऑफ वर्क की तुलना में यह अधिक कांप्लेक्स है और इसमें यूजर्स को सॉफ्टवेयर को तीन हिस्से- एग्जेक्यूशन क्लाइंट, कंसेशंस क्लाइंट और वैडिटेर, में रन करने की जरूरत पड़ती है।

निवेशकों के लिए एक्स्ट्रा कमाई का मौका

इथेरियम क्रिप्टोकरेंसी के रूप में आपके पास है तो इसके भाव में तेजी से आपको फायदा मिलेगा ही, इसके अलावा पीओएस सिस्टम के तहत आपको एक्स्ट्रा कमाई हो सकती है। अब वैलिडेटर होने के लिए भारी-भरकम सिस्टम की जरूरत नहीं है और सामान्य लैपटॉप से भी किसी ट्रांजैक्शन को वैरिफाई कर सकते हैं जिसके बदले में क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी। हालांकि इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए डिपॉजिट कांट्रैक्ट में पहले 32 इथेरम जमा करने होते हैं।

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