टाटा ग्रुप, एयर इंडिया (Air India) को वैश्विक स्तर पर असाधारण सेवा और प्रदर्शन के साथ अव्वल दर्जे की एयरलाइन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह बात टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने कही है। टाटा समूह ने साल 2022 में एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में सरकार से खरीद लिया था। चंद्रशेखरन चेन्नई में एनआईटी त्रिची के एक कार्यक्रम में टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर रवि विश्वनाथन के साथ चर्चा के दौरान एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया था कि 2022 में टाटा समूह द्वारा खरीदे जाने के बाद लोग एयर इंडिया से क्या उम्मीद कर सकते हैं।
चंद्रशेखरन ने कहा, ''मेरी प्रतिबद्धता एयर इंडिया को दुनिया की टॉप क्लास एयरलाइन बनाने के लिए हर संभव कोशिश करने की है। ऐसा हार्डवेयर, फ्लाइट एक्सपीरियंस, कस्टमर एक्सपीरियंस, टेक्नोलॉजी और हर लिहाज से होगा।''
470 एयरक्राफ्ट्स का दिया है ऑर्डर
हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद दर्शकों से अपील की कि वे एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर बोइंग और एयरबस से आग्रह करें कि वे एयर इंडिया के ऑर्डर के अनुसार एयरक्राफ्ट की सप्लाई जल्द करें। एयर इंडिया समूह ने कुल 470 एयरक्राफ्ट्स का ऑर्डर दिया है, इसमें 250 एयरबस और 220 बोइंग शामिल हैं। दिसंबर 2024 में एयर इंडया ने अतिरिक्त 100 वाइड बॉडी A350 और 90 नैरो बॉडी A320 एयरक्राफ्ट्स का ऑर्डर दिया, जिनमें A321 neo भी शामिल है।
सेमीकंडक्टर सेक्टर में टाटा संस का निवेश लगभग 18 अरब अमेरिकी डॉलर
सेमीकंडक्टर उद्योग पर विश्वनाथन के एक सवाल का जवाब देते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि इसमें बहुत बड़ा अवसर है और सेमीकंडक्टर सेक्टर में टाटा संस का निवेश लगभग 18 अरब अमेरिकी डॉलर का है। यह निवेश प्रिसीशन मैन्युफैक्चरिंग, सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग में है। उन्होंने कहा, ''हमारा सेमीकंडक्टर फैब 2026 में चालू हो जाना चाहिए। इसलिए, चाहे वह एनर्जी सेक्टर हो या सेमीकंडक्टर सेक्टर, हमने नेतृत्व किया है और एक शुरुआत की है। हमें सेमीकंडक्टर सेक्टर में एक पूरा इकोसिस्टम बनाना है और अगले 18-24 महीनों में इस इकोसिस्टम में हजारों कंपनियां आने वाली हैं।''