G20 Summit: इंडिया G20 के अगले शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहा है। इंडिया में होने वाले इस आयोजन में दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देशों के नेता (Leaders of most powerful 20 countries) हिस्सा लेंगे। इसके एजेंडा में इनक्लूसिव ग्रोथ (Inclusive growth) पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। साथ ही इंडिया खुद को इनवेस्टमेंट के सबसे बेहतर डेस्टिनेशन के रूप में पेश करेगा। वह अपनी उपलब्धियों के बारे में भी दुनिया को बताएगा। इंडिया को ऐसे वक्त जी20 की अध्यक्षता करने का मौका मिल रहा है, जब देश में अगले आम चुनाव में डेढ़ साल से कम समय रह गया है। उधर, ग्लोबल इकोनॉमी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है।
मुश्किल में ग्लोबल इकोनॉमी
रूस-यूक्रेन की लड़ाई की वजह से ऑयल सहित कमोडिटी की कीमतें बढ़ी हैं। इससे अमेरिका, इंग्लैंड, यूरोपीय संघ के देशों में महंगाई काफी बढ़ गई है। महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहे हैं, जिसका इसर इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ रहा है। जी20 की बैठक में इंडिया विकासशील देशों के मसलों पर फोकस करेगा।
इंडिया 200 कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा
G20 में इंडिया के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, "पिछले कई सालों से इंडिया विकसित देशों के एजेंडा के हिसाब से चलता आ रहा है। प्रधानमंत्री जी20 को एक्शन आधारित, रिफॉर्म केंद्रित और इनक्लूसिव बनाना चाहते हैं। वह विकासशील देशों की आवाज बनना चाहते हैं।" जी20 के 200 कार्यक्रमों की मेजबानी इंडिया करेगा। देश के 55 शहरों में इनका आयोजन होगा। इसमें बिजनेस के अलावा सिविल सोसायटी की हिस्सेदारी होगी।
राज्यों को भी तैयारी करने के निर्देश
अमिताभ कांत ने मनीकंट्रोल से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 की बैठकों की तैयारी के बारे में मुख्यमंत्रियों से बातचीत की है। राज्य सरकारें अपने यहां इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हैं। इंडिया इस मौके का इस्तेमाल दुनिया को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की अपनी उपलब्धियों को दिखाना चाहता है। आज इंडिया में 80 फीसदी आबादी के पास बैंक अकाउंट्स हैं। 2014 में यह आंकड़ा सिर्फ 50 फीसदी था।
मुश्किल वक्त में इंडिया को मिली जी20 की अध्यक्षता
इंडिया के शेरपा ने कहा कि यह संकट का समय है, क्योंकि कोरोना की महामारी की वजह से 20 करोड़ लोग गरीबी में चले गए हैं। 7.5 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गई हैं। सप्लाई चेन पर असर पड़ा है। लेकिन, हर संकट में एक अवसर होता है। यह तरक्की के उपायों को बढ़ाने का इंडिया के लिए बड़ा मौका है।