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रिश्वत मामले में US SEC ने गौतम अदाणी और सागर अदाणी को भेजा समन, 21 दिन में देना है जवाब

अमेरिका में अभियोग मूल रूप से एक औपचारिक लिखित आरोप है, जो प्रॉसीक्यूटर की ओर से शुरू किया जाता है और एक ग्रैंड जूरी की ओर से अपराध के आरोपी पक्ष के खिलाफ जारी किया जाता है। जिस इंसान पर अभियोग लगा है, उसे जवाब देने के लिए औपचारिक नोटिस दिया जाता है। आरोपी व्यक्ति अपने बचाव में वकील हायर कर सकता है

अपडेटेड Nov 23, 2024 पर 6:34 PM
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Adani group ने अदाणी ग्रीन के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और US SEC की ओर से लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

अदाणी समूह के फाउंडर और चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) और उनके भतीजे सागर अदाणी (Sagar Adani) को अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने समन भेजा है। US SEC ने अदाणी को उन पर लगे आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए तलब किया है। 21 नवंबर को खबर आई कि अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स ने आरोप लगाया है कि गौतम अदाणी, सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत की पेशकश में शामिल हैं। घूस का वादा भारतीय सरकारी अधिकारियों को किया गया।

अदाणी ग्रीन एनर्जी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सागर आर. अदाणी और MD-CEO विनीत एस. जैन पर भी अमेरिकी कानूनों को तोड़ने का आरोप लगा है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, समन अहमदाबाद स्थित अदाणी के शांतिवन फार्म हाउस और सागर अदाणी के बोदकदेव आवास पर भेजा गया है। समन में US SEC को 21 दिनों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया गया है।

अगर नहीं दिया जवाब तो...


न्यूयॉर्क पूर्वी जिला अदालत के माध्यम से 21 नवंबर को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, ''इस समन की तामील के 21 दिनों के अंदर (जिस दिन आपको यह समन मिला, उसे छोड़कर)... आपको वादी (SEC) को अटैच्ड शिकायत का जवाब देना होगा या फेडरल रूल्स ऑफ सिविल प्रोसीजर के नियम 12 के तहत एक मोशन सर्व करना होगा। अगर आप जवाब देने में विफल रहते हैं, तो शिकायत में मांगी गई राहत के लिए आपके खिलाफ फैसला लिया जाएगा। आपको अपना जवाब या मोशन भी अदालत में दाखिल करना होगा।''

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2020 से 2024 के बीच की गई रिश्वत की पेशकश

यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का कहना है कि तकरीबन 2020 से 2024 के बीच अदाणी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ग्लोबल को सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश की गई। कॉन्ट्रैक्ट के जरिए 20 साल में 2 अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था। यह भी आरोप है कि अदाणी समूह ने फायदा उठाने के लिए अपनी रिश्वत विरोधी प्रैक्टिसेज और नीतियों से संबंधित झूठे, भ्रामक बयानों और रिश्वतखोरी की जांच की रिपोर्टों के आधार पर लोन और बॉन्ड्स के जरिए 2 अरब डॉलर जुटाए। जिन लोगों से पैसा जुटाया गया, उनमें अमेरिकी कंपनियां भी शामिल हैं।

US डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अभियोग के अलावा US SEC ने भी गौतम अदाणी, सागर अदाणी और एज्योर पावर ग्लोबल के एग्जीक्यूटिव सिरिल कैबेन्स पर एक बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी योजना को लेकर आरोप लगाए हैं।

अदाणी समूह ने आरोपों को बताया है बेबुनियाद

हालांकि इस मुद्दे पर अदाणी ग्रुप ने अपनी प्रतिक्रिया में अदाणी ग्रीन के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे। अपनी सफाई में अदाणी समूह ने कहा ग्रुप अपने स्टेकहोल्डर्स, पार्टनर्स और कर्मचारियों को आश्वस्त करता है कि वह कानून का पालन करने वाली ऑर्गेनाइजेशन है।

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