Go First NCLT Order: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने दिक्कतों से जूझ रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) की याचिका मंजूर कर ली है। एनसीएलटी ने आज 10 मई को लीज देने वाले और कर्ज देने वालों से रिकवरी के मामले में गो फर्स्ट को राहत दे दी है। इससे गो फर्स्ट को खुद को पटरी पर लौटने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने एनसीएलटी के मैनेजमेंट और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी सस्पेंड कर दिया है। ट्रिब्यूनल के प्रेसिडेंट जस्टिस रामलिंगम सुधाकर और जस्टिस एलएन गुप्ता की बेंच ने कर्ज के बोझ से दबी गो फर्स्ट को चलाने के लिए अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) के तौर पर अभिलष लाल को नियुक्त किया है।
किसी भी एंप्लॉयीज की नहीं होगी छंटनी
ट्रिब्यूनल ने सस्पेंडेड बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और मैनेजमेंट को निर्देश दिया है कि आईआरपी और टीम को को सभी जरूरी सहयोग करे ताकि इसके कारोबार को सुचारू रुप से शुरू किया जा सके। एनसीएलटी ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि किसी भी एंप्लॉयी की छंटनी नहीं होनी चाहिए। मैनेजमेंट को आईआरपी के पास 5 करोड़ जमा करने का भी निर्देश दिया गया है ताकि कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के तात्कालिक खर्च से निपटा जा सके।
अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) ने गो फर्स्ट को इंजन की सप्लाई नहीं तो इसके आधे से अधिक विमानों को जमीन पर उतारना पड़ा। इसके चलते कंपनी की वित्तीय दिक्कतें बढ़ी और फिर गो फर्स्ट ने 3 मई को सभी उड़ानों को रद्द कर दिया। इसके अलावा एनसीएलटी में याचिका दायर की। एनसीएलटी ने वाडिया ग्रुप की विमानन कंपनी और इसे लीज देने वालों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश 4 मई को सुरक्षित कर लिया था। लीज देने वालों ने इसकी याचिका का विरोध किया था जिसमें गो फर्स्ट ने अंतरिम प्रोटेक्शन की मांग की थी। इस पर 11463 करोड़ रुपये की देनदारी है और कंपनी ने अपनी वित्तीय देनदारियों के लिए अंतरिम मोरेटोरियम के साथ-साथ वालंटरी इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोजिडिंग्स का आग्रह किया था।