Credit Cards

GST स्लैब पर बड़ी अपडेट, GoM ने 12% और 28% की दर हटाने को दी मंजूरी, जानिए डिटेल

GoM ने केंद्र के उस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसमें 12% और 28% GST रेट को पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव है। बीमा पर GST छूट और लग्जरी कारों पर 40% टैक्स का प्रस्ताव भी चर्चा में रहा। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Aug 21, 2025 पर 3:03 PM
Story continues below Advertisement
केंद्र सरकार की योजना के तहत 12% वाले करीब 99% आइटम अब 5% स्लैब में आ जाएंगे।

GST रेट को सरल बनाने पर गुरुवार को हुई मंत्रियों के समूह (GoM) की अहम बैठक में राज्यों ने केंद्र के अहम प्रस्ताव को समर्थन दिया। इसके तहत मौजूदा चार स्लैब घटाकर केवल दो कर दिए जाएंगे- 5% और 18%। यह कदम इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम को और सरल बनाने की दिशा में माना जा रहा है।

मौजूदा स्ट्रक्चर में बदलाव

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाले छह सदस्यीय GoM ने 5%, 12%, 18% और 28% की मौजूदा 4-स्लैब स्ट्रक्चर को खत्म कर नए सिस्टम अपनाने पर सहमति जताई। प्रस्तावित फ्रेमवर्क के मुताबिक, जरूरी वस्तुओं और सेवाओं पर 5% GST लगेगा, जबकि स्टैंडर्ड वस्तुओं पर 18% कर लगेगा। वहीं Sin Goods पर 40% का ऊंचा कर जारी रहेगा। पैनल ने यह भी सिफारिश की कि लग्जरी कारों को इसी 40% स्लैब में लाया जाए।


GoM में कौन-कौन शामिल

GST दरों पर विचार करने वाले इस समूह में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल शामिल हैं।

वित्त मंत्री ने क्या कहा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पहल को आम जनता और छोटे कारोबारियों के लिए राहत भरा बताया। उन्होंने कहा कि नए सुधार किसानों, मध्यम वर्ग, MSME और साधारण उपभोक्ता को राहत देंगे। साथ ही, एक पारदर्शी और विकास की ओर बढ़ाने वाला स्ट्रक्चर तैयार करेंगे।

किन वस्तुओं पर क्या असर

योजना के तहत 12% वाले करीब 99% आइटम अब 5% स्लैब में आ जाएंगे। वहीं 28% स्लैब में शामिल लगभग 90% वस्तुएं और सेवाएं 18% पर आ जाएंगी। एक्सपर्ट का मानना है कि इससे न केवल GST स्ट्रक्चर सरल होगी, बल्कि अनुपालन भी आसान होगा।

बीमा पर GST छूट का प्रस्ताव

बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा को GST से पूरी तरह छूट देने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। इससे सालाना करीब 9,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है, लेकिन अधिकांश राज्यों ने इसे समर्थन दिया। शर्त यह रखी गई कि बीमा कंपनियां यह लाभ सीधे पॉलिसीधारकों तक पहुंचाएं।

अगली बैठक में होगा अंतिम फैसला

अब GST काउंसिल अपनी अगली बैठक में GoM की इन सिफारिशों की समीक्षा करेगी और अंतिम फैसला लेगी। यदि यह बदलाव लागू होते हैं तो आम उपभोक्ता से लेकर उद्योग जगत तक पर इनका सीधा असर देखने को मिलेगा।

यह भी पढ़ें : मोतीलाल ओसवाल का बड़ा दांव, इस भाव तक जाएगा HDB Financial का शेयर

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।