सरकार इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) को पहले से अधिक सरल बनाने की तैयारी में है। इसके लिए अगले 6 महीने में इसका एक नया वर्जन पेश किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने गुरुवार 25 जुलाई को मनीकंट्रोल के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा, "अगले 6 महीने में इनकम टैक्स एक्ट को और सरल बनाया जाएगा और यह इसका नया वर्जन होगा।" इसके बाद ITR फाइल करने सहति इनकम टैक्स से जुड़ी तमाम प्रक्रियाएं पहले से और अधिक आसान हो जाएगा।
रवि अग्रवाल ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में अबतक दाखिल कुल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में से 66 प्रतिशत से अधिक टैक्सपेयर्स ने नई टैक्स रिजीम को चुना है। अबतक कुल चार करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस ITR दाखिल करने सहति सभी प्रक्रियाओं के ‘सरलीकरण’ पर है। अग्रवाल ने कहा, “सरकार का मानना यह है कि जितना अधिक आप सरलीकरण करेंगे, उतना ही लोगों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो जाएगा, जिससे इसमें बढ़ोतरी होगी।”
सीबीडीटी के चेयरमैन ने कहा कि नई टैक्स रिजीम को लेकर लोगों में पर्याप्त आकर्षण है। आज तक दाखिल लगभग 66% आईटीआर, नई रिजीम के तहत हैं। उम्मीद है कि आगे चलकर हमें नई टैक्स रिजीम के तहत अधिक लाभ मिलेगा।
अग्रवाल ने कहा कि उन्हें नियमों को सरल बनाए जाने से मुकदमेबाजी भी घटने की उम्मीद है। साथ ही उन्होंने कहा कि सर्च के बाद अगले 12 महीने के अंदर असेसमेंट पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि काफी बड़ी संख्या में मामले में अपील और मुकदमेबाजी में अटके हुए हैं।
वहीं प्रॉपर्टी की बिक्री से इंडेक्सेशन लाभ हटाए जाने के सवाल पर रवि अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में LTCG पर इंडेक्सेशन महंगाई को सिर्फ मामूली रूप से ही कवर करता था। उन्होंने कहा, "एनालिसिस से पता चलता है कि निवेशकों के लिए 12.5 फीसदी की LTCG धर अधिक फायदेमंद हो सकती है। पिछले 10 सालों में प्रॉपर्टी के दाम 5 गुना तक बढ़े हैं।"
रवि के साथ इस बातचीत में सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइड एंड कस्टम्स (CBIC) के चेयरमैन, संजय अग्रवाल भी मौजूद थे। संजय ने कहा कि बजट में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। मरीन उत्पादन से जुड़ी एक्सपोर्टिंग इंडस्ट्रीज पर बेसिक कस्टम्स ड्यूटी को घटाया गया है।