सरकार ने शुक्रवार को भ्रामक विज्ञापनों (Deceptive Advertisements) को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए। इनमें बच्चों को टारगेट करने और ग्राहकों को लुभाने के लिए मुफ्त दावे करने वाले विज्ञापन शामिल हैं। गाइडलाइंस में यह भी कहा गया कि विज्ञापन जारी करने से पहले उचित सावधानी बरती जानी चाहिए।
इसके अलावा नई गाइडलाइंस में 'सरोगेट विज्ञापनों' (Surrogate Advertisements) को भी बैन कर दिया गया है और विज्ञापनों में दिखाए जाने वाले डिस्केलमर्स में अधिक पारदर्शिता लाने की बात कही गई है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की तरफ से जारी यह नोटिफिकेशन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
क्या होते हैं सेरोगेट विज्ञापन
कंज्यूमर्स अफेयर्स सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने इन गाइडलाइंस का ऐलान करते हुए कहा, "विज्ञापनों में ग्राहक काफी दिलचस्पी लेते हैं। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (CCPA) के तहत, उपभोक्ताओं के अधिकारों को प्रभावित करने वाले भ्रामक विज्ञापनों से निपटने का प्रावधान है।"
उन्होंने कहा, "विज्ञापन इंडस्ट्री को अधिक स्पष्ट और जागरूक बनाने के लिए, सरकार आज से निष्पक्ष विज्ञापन के लिए नई गाइडलाइंस लेकर आई है। यह गाइडलाइंस प्रिंट, टेलीविजन और ऑनलाइन जैसे सभी प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों पर लागू होंगे। गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ CCPA एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।"
कंज्यूमर्स अफेयर्स सेक्रेटरी ने कहा कि ये गाइडलाइंस रातोंरात बदलाव नहीं लाएंगे, लेकिन इंडस्ट्री के लोगों को भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए एक फ्रेमवर्क देंगे। साथ ही ग्राहकों और कंज्यूमर ऑर्गनाइजेशन को ऐसे विज्ञापनों के खिलाफ शिकायत करने के लिए सशक्त बनाएंगे।