अमेरिकी इनवेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स(GQG Partners), अडानी ग्रुप (Adani Group) में अपने निवेश को बढ़ा सकती है। फर्म के फाउंडर राजीव जैन (Rajiv Jain) ने बुधवार 8 मार्च को पत्रकारों से बात करते हुए ये कहा। एक हफ्ते पहले ही GQG पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप में करीब 1.9 अरब डॉलर का निवेश किया था। ये निवेश विवादों से जूझ रहे अडानी ग्रुप के लिए काफी राहत लाया था और उसके शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिली थी। राजीव जैन ने सिडनी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "ऐसी संभावना है कि हम और शेयर खरीद सकते हैं। आमतौर पर हम पहले एक शुरुआती पोजिशन लेते हैं और उसके बाद जैसे-जैसे चीजें आगे बढ़ती है और कंपनी की कमाई के आंकड़े आते हैं, हम अपने निवेश को फुल साइज पर ले जाते हैं। फिलहाल हम अपने निवेश के फुल साइज पर नहीं हैं।"
राजीव जैन ने GQG पार्टनर्स की 2016 में स्थापना की थी। इस फर्म ने अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों के 1.87 अरब डॉलर के शेयर खरीदे हैं। साथ ही यह अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप में पहला बड़ा निवेश था।
अमेरिका के फ्लोरिडा में रहने वाले जैन पिछले हफ्ते निवेशकों से बातचीत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गए थे। इन निवेशकों में ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी पेंशन फंड भी शामिल था। करीब 47 अरब डॉलर के AUM वाले पेशंन फंड इनवेस्टर्स, कबस सुपर (Cbus Super) ने पिछले हफ्ते GQG से अडानी ग्रुप के शेयर खरीदने को लेकर जानकारी मांगी थी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी है।
GQG के एक प्रवक्ता ने कहा कि जैन के ऑस्ट्रेलिया जाने का कार्यक्रम कुछ समय पहले से ही तय था और वहां हुई चर्चाओं में अडानी के अलावा अन्य विषय भी शामिल थे।
जैन से जब पूछा गया कि उनके ग्राहकों की अडानी में निवेश पर क्या प्रतिक्रिया थी, तो उन्होंने कहा, "सच कहूं तो प्रतिक्रिया वास्तव में मेरी उम्मीद से अधिक सकारात्मक रही है क्योंकि उन्हें लगता है कि हम इस तरह खुद को दूसरों से अलग करते हैं।" उन्होंने कहा, "हम अपनी जानकारियों के अनुसार बाजार में गोता लगाते हैं और हम झुंड को नहीं फॉलो करते हैं।"