ब्रोकरेज फर्म ग्रो (Groww), वेल्थ मैनेजमेंट स्टार्टअप फिसडम (Fisdom) को 15 करोड़ डॉलर के नकद सौदे में खरीदने वाली है। यह बात मनीकंट्रोल को मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने दी। इस सौदे पर अभी कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की मंजूरी मिलना बाकी है और इसमें 2-3 महीने लग सकते हैं। फिसडम में 100% हिस्सेदारी की खरीद ग्रो की प्रोडक्ट ऑफरिंग्स का विस्तार करेगी। मई 2023 में इंडियाबुल्स एएमसी के अधिग्रहण के बाद यह ग्रो का दूसरा बड़ा अधिग्रहण होगा।
एक दिन पहले खबर आई थी कि ग्रो अपने IPO के लिए कॉन्फिडेंशियल रूट की मदद से दो सप्ताह के अंदर सेबी के पास ड्राफ्ट दाखिल कर सकती है। यह भी पता चला है कि ग्रो सिंगापुर की इनवेस्टमेंट फर्म GIC से 7 अरब डॉलर की पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर 15 करोड़ डॉलर जुटा रही है। यह 25-30 करोड़ डॉलर के बड़े प्री-IPO राउंड का हिस्सा है। इस राउंड के अगले दो सप्ताह में क्लोज होने की उम्मीद है।
2015 में हुई थी फिसडम की शुरुआत
फिसडम को आनंद डालमिया और सुब्रमण्य एस.वी. ने 2015 में शुरू किया था। यह स्टार्टअप म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक, बॉन्ड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) और टैक्स फाइलिंग सॉल्यूशंस की पेशकश करता है। इसके भारत भर में 15 ऑफिस और 10 लाख से अधिक कस्टमर हैं। कंपनी में प्रोसस, सामा और क्वोना कैपिटल जैसे निवेशकों का पैसा लगा है। फिसडम का वित्त वर्ष 2024 में रेवेन्यू 84 करोड़ रुपये रहा। यह इससे पहले के वित्त वर्ष से 28 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं शुद्ध घाटा 19 प्रतिशत की कमी के साथ 57.4 करोड़ रुपये रहा।
ग्रो बेंगलुरु शिफ्ट कर चुकी है रजिस्टर्ड ऑफिस
ग्रो ने 2016 में म्यूचुअल फंड इनवेस्टिंग प्लेटफॉर्म के तौर पर शुरुआत की थी। फिर इसने स्टॉक, IPOs और ETFs की पेशकश करके लगातार विस्तार किया। ग्रो के पास अपने बड़े कस्टमर बेस के साथ म्यूचुअल फंड्स (अपने खुद के MFs समेत) और सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लांस (SIP) पोर्टफोलियो का एक मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन है। कंसोलिडेटेड बेसिस पर कंपनी का वित्त वर्ष 2024 में रेवेन्यू दोगुना से अधिक बढ़कर 3,145 करोड़ रुपये रहा। कंसोलिडेटेड ऑपरेटिंग प्रॉफिट सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 535 करोड़ रुपये हो गया। शुद्ध कंसोलिडेटेड घाटा 805 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। ग्रो ने वित्त वर्ष 2024 के दौरान अपना रजिस्टर्ड ऑफिस अमेरिका के डेलावेयर से बेंगलुरु शिफ्ट कर लिया।