GST से सरकार का भरा खजाना; 8 साल पहले हुई थी शुरुआत, तब से डबल हुआ कलेक्शन

GST collection: 1 जुलाई को GST लागू हुए आठ साल पूरे हो गए। जून 2025 में ₹1.85 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ, जो सालाना आधार पर 6.1% अधिक है। 2017-18 से अब तक कुल कलेक्शन दोगुना होकर ₹22.1 लाख करोड़ पहुंच गया है।

अपडेटेड Jul 01, 2025 पर 6:06 PM
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GST को लागू हुए आज यानी 1 जुलाई को 8 साल पूरे हो गए हैं।

GST Collection: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को लागू हुए आज यानी 1 जुलाई को 8 साल पूरे हो गए। जून 2025 में GST कलेक्शन ₹1.85 लाख करोड़ रहा। यह सालाना आधार पर 6.1% की बढ़ोतरी है। जून का GST कलेक्शन पिछले चार साल में सबसे धीमा सालाना विस्तार है। हालांकि, कलेक्शन लगातार तीसरे महीने ₹1.8 लाख करोड़ के पार बना रहा। वहीं, 8 साल में कुल GST कलेक्शन डबल हो गया है।

सरकार द्वारा 1 जुलाई को जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड ₹2.37 लाख करोड़ रहा था, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। मई में यह घटकर ₹2.01 लाख करोड़ हो गया, लेकिन 16% की सालाना वृद्धि के साथ यह 31 महीनों में सबसे तेज रहा।

अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत


HSBC की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी जून में 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। साथ ही, नया निर्यात ऑर्डर भी 2005 के बाद के उच्चतम स्तरों में शामिल रहा, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत मिला है।

औद्योगिक उत्पादन में कमजोरी

हालांकि, इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) के आंकड़े कमजोर बने हुए हैं। अप्रैल–मई 2025 के दौरान IIP वृद्धि दर केवल 1.8% रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 5.7% थी।

आठ साल में दोगुना हुआ GST संग्रह

GST को लागू हुए आज यानी 1 जुलाई को 8 साल पूरे हो गए हैं। वित्त वर्ष 2017-18 में जहां कुल जीएसटी संग्रह ₹11 लाख करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह दोगुना होकर ₹22.1 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। यह वृद्धि टैक्स बेस के विस्तार और कंप्लायंस में सुधार का संकेत देती है।

GST की शुरुआत कब और कैसे हुई थी?

GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की शुरुआत भारत में 1 जुलाई 2017 को हुई थी। इसे केंद्र और राज्यों के तमाम अप्रत्यक्ष करों को मिलाकर एक एकीकृत कर व्यवस्था के रूप में लागू किया गया।

GST लागू करने के लिए 101वें संविधान संशोधन के तहत एक विशेष परिषद बनाई गई, जिसे जीएसटी काउंसिल कहा गया। इस काउंसिल में केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो टैक्स दरों और नीतियों पर निर्णय लेते हैं। इसका उद्देश्य देशभर में एक समान टैक्स सिस्टम बनाना और व्यापार को आसान बनाना था।

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