जीएसटी काउंसिल की बैठक 9 सितंबर को दिल्ली में होने जा रही है। इसमें सीजीएसटी एक्ट, 2017 में हाल में शामिल किए गए सेक्शन 11ए को लागू करने पर चर्चा होगी। इस सेक्शन से रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (बीत चुकी तारीख से टैक्स) डिमांड के मामले में काफी राहत मिलेगी। इसका असर रियल-मनी गेमिंग (आरएमजी) पर पड़ेगा। इस तरह के ऑनलाइन गेम्स में प्लेयर्स पैसे जीतते हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जून में हुई जीएसटी काउंसिल की 53वीं मीटिंग में काउंसिल ने सेक्शन 11ए जोड़ने की सिफारिश की थी।
सेक्शन 11ए से रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (Retrospective Tax) डिमांड से कानूनी सुरक्षा मिलेगी। इससे उन कंपनियों पर वित्तीय बोझ घटेगा जिन पर जीएसटी (GST) का काफी पैसा बकाया है। एक अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया, "11ए संशोधन पारित हो गया है। इससे जुड़े सर्कुलर का इंतजार है। 9 सितंबर को होने वाली काउंसिल की अगली बैठक में इसके पड़ने वाले असर पर चर्चा होगी। सर्कुलर से यह पता चलेगा कि काउंसिल के एप्रूवल के इंतजार वाले मामलों पर यह किस तरह लागू होगा।" इसके लागू होने के बाद टैक्स से जुड़े विवाद के मामलों में भी कमी आएगी।
काउंसिल के फैसले का असर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर पड़ेगा
वेद जैन एंड एसोसिएट्स में पार्टनर अंकित जैन ने कहा, "उम्मीद है कि विवादित मामलों में कमी लाने के लिए जीएसटी काउंसिल सेक्शन 11ए के तहत पावर का इस्तेमाल कर सकती है। हमें उम्मीद है कि इस मसले पर चर्चा होगी और स्पष्टीकरण आएगा।" काउंसिल के फैसले का काफी असर आरएमजी सेक्टर पड़ेगा। इस सेक्टर को रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स डिमांड का सामना करना पड़ा है, जो 1 जुलाई, 2017 से लेकर 31 मार्च, 2023 के बीच के हैं। 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी की व्यवस्था लागू हुई थी।
यह भी पढ़ें: Godrej Properties ने दिया धोखा! फ्लैट बुकिंग की कैंसिल, अब होमबायर को देगी 1.26 करोड़ रुपये का रिफंड
ऑनलाइ गेमिंग कंपनियों को 1.12 लाख करोड़ रुपये के नोटिस भेजे गए हैं
पिछले साल दिसंबर में फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा था कि जीएसटी की कथित चोरी के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 71 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। ये 1.12 लाख करोड़ रुपये के हैं। कॉर्पोरेट गारंटी उपलब्ध कराने वाली कंपनियां भी पहले की टैक्स लायबिलिटीज को लेकर स्थिति स्पष्ट किए जाने का इंतजार कर रही हैं। सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर एस आर पटनायक ने कहा कि सेक्शन 11ए जीएसटी फ्रेमवर्क में महत्वपूर्ण लीगल डेवलपमेंट है। इससे रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स डिमांड से राहत मिलेगी।