Budget 2024: बजट पेश किए जाने से पहले निवेशकों के मन में सबसे अहम सवाल यह है कि शेयर बाजार की इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी और निवेशकों को इसके लिए किस तरह से तैयार रहना चाहिए। एनडीए सरकार के पिछले 10 वर्षों के बजट विश्लेषण से यह पता चलता है कि बजट पेश करने के एक महीने बाद बाजार की मूवमेंट कुछ खास नहीं रही है। हालांकि, अपवाद के तौर पर कुछ साल मामला अलग रहा है। लिहाजा, निवेशकों को बजट के दिन शेयर बाजार के मूवमेंट को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए।
भारत में ग्रोथ को लेकर काफी बेहतर संभावनाएं हैं और रिफॉर्म प्रोसेस भी जारी है। बहरहाल, बाजार के लिए मीडियम से लॉन्ग टर्म में जो चीज जो मायने रखती है, वह है अर्निंग का ट्रेंड। अगर बजट में इस तरह के ऐलान किए जाते हैं, जिससे कंपनियों की अर्निंग बेहतर होने की संभावना हो, तो बाजार को इस पर नजर रखने की जरूरत होगी। साथ ही, बजट के बाद बाजार की मूवमेंट पर वैल्यूएशन का भी असर होता है।
हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि अगर निफ्टी (Nifty) का एक साल का फॉरवर्ड प्राइस अर्निंग 21 गुना से ज्यादा है, तो बाजार ने बजट के बाद एक महीने तक नेगेटिव रिटर्न दिया है। इस संदर्भ में देखा जाए, तो 19.1 गुना पर बाजार का मौजूदा वैल्यूएशन न सिर्फ वाजिब है, बल्कि यह 10 साल के औसत से थोड़ा कम भी। लिहाजा,पुराने ट्रेंड्स के हिसाब से देखा जाए तो हमें एक महीने के नेगेटिव ट्रेंड की आशंका नजर नहीं आती।
हमारा मानना है कि भारत की मौजूदा आर्थिक खूबियां इसे ग्लोबल सर्विसेज का हब बनाने की क्षमता रखती हैं। रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में हो रहे काम, इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े पैमाने पर निवेश और कंजम्प्शन ग्रोथ की जबरदस्त संभावनाओं के मद्देनजर शेयर बाजार में कई साल तक निवेशकों के लिए बेहतर अवसर देखने को मिल सकते हैं। लिहाजा, शेयर बाजार में किसी भी तरह की कमजोरी लंबे तक नहीं बनी रहेगी और बाजार में लॉन्ग टर्म संभावनाएं बेहतर हैं।