ICICI Videocon case : आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके बिजनेसमैन पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को मंगलवार को कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कोर्ट में वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) को दिए लोन फ्रॉड केस में सीबीआई की तरफ से गिरफ्तारी की कार्रवाई को चुनौती दी थी। कोचर दंपति और धूत को शनिवार और सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। तीनों आरोपी फिलहाल 28 दिसंबर तक के लिए सीबीआई की कस्टडी में हैं।
कोचर दंपति ने जस्टिस माधव जामदार और जस्टिस एस जी चपलगांवकर की एक वैकेशन बेंच के सामने याचिका दायर की थी, लेकिन उन्होंने इस मामले में अर्जेंट हेयरिंग से इनकार कर दिया।
कोचर के वकील ने कहा-अवैध है गिरफ्तारी
कोचर के वकील कौशल मोर ने दलील दी कि यह गिरफ्तारी अवैध है, क्योंकि सीबीआई ने एक पब्लिक सर्वेंट को पकड़ने के लिए Prevention of Corruption Act, Section 17A के तहत उचित मंजूरी नहीं ली थी। साथ ही एफआईआर दर्ज करने के चार साल बाद कार्रवाई की गई है, जो सीआरपीसी सेक्शन 41ए का उल्लंघन है।
उन्होंने कोर्ट से मामले को अर्जेंट हेयरिंग के लिए लेने और रिमांड ऑर्डर को रद्द करके कोचर दंपति को रिहा करने का आदेश देने का अनुरोध किया।
जजों ने कहा कि उनकी याचिका अर्जेंट हेयरिंग के लायक नहीं है। उन्होंने वकील मोर को जमानत के लिए अगले महीने नियमित हाई कोर्ट बेंच के पास जाने के निर्देश दिए हैं।
सीबीआई ने 24 दिसंबर को कोचर दंपति को गिरफ्तार किया था। वहीं धूत को 26 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार तक के लिए उन्हें सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया था।
3,000 करोड़ रुपये के लोन का है मामला
दोनों की गिरफ्तारी वीडियोकॉन ग्रुप (Vidocon Group) को दिए 3,000 करोड़ रुपये के एक लोन के सिलसिले में हुई है। चंदा कोचर ने ICICI बैंक का सीईओ रहते हुए वीडियोकॉन ग्रुप के इस लोन को मंजूरी दी थी। आरोप है कि इस लोन के बदले में उनके पति दीपक कोचर की कंपनी में वीडियोकॉन से निवेश मिला था।
जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप
सीबीआई ने आरोप लगाया कि चंदा कोचर ने वीडियोकॉन की कई कंपनियों को इस तरह के छह लोन गलत तरीके से दिए थे। केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया कि उन्होंने Videocon group के लोन को मंजूरी देने के लिए दूसरी कमेटियों को प्रभावित किया।