IIP Data: अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक अच्छी खबर है। देश का औद्योगिक उत्पादन अप्रैल महीने में 5 फीसदी की दर से बढ़ा है। सरकार ने शुक्रवार 12 जून को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी। देश के औद्योगिक उत्पादन को 'इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP)' के आधार पर मापा जाता है। इससे पहले मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ 4.9 फीसदी रही थी। वहीं अगर इस साल की शुरुआत से बात करें तो, जनवरी 2024 में औद्योगिक उत्पादन ग्रोथ 4.1 फीसदी रहा था। वहीं फरवरी 2024 में यह पिछले 4 महीनों के सबसे उच्च स्तर 5.7 फीसदी पर पहुंच गया था।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक या IIP का इस्तेमाल इकॉनोमी के विभिन्न क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों को मापने के लिए किया जाता है।
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल महीने में माइनिंग सेक्टर का उत्पादन सालाना आधार पर 6.7 फीसदी बढ़ा। वहीं मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर का उत्पादन इस दौरान क्रमश: 3.9 फीसदी और 10.2 फीसदी की दर से बढ़ा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अंदर, बेसिक मेटल्स सेक्टर का उत्पादन अप्रैल में 8.1 फीसदी बढ़ा है। वहीं कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का उत्पादन 4.9 फीसदी की दर से बढ़ा। जबकि मोटर व्हीकल्स के उत्पादन में 11.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई।
अप्रैल 2024 में IIP की ग्रोथ रेट प्राइमरी गुड्स में 7.0 प्रतिशत, कैपिटल गुड्स में 3.1 प्रतिशत, इंटरमीडियरीज गुड्स में 3.2 प्रतिशत, इंफ्रास्ट्रक्चर/कंस्ट्रक्शन गुड्स में 8.0 प्रतिशत और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 9.8 प्रतिशत रही। अप्रैल 2024 में उकंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स वस्तुओं में 2.4 प्रतिशत की नेगेटिव ग्रोथ रेट देखी गई।
पिछले 13 महीनों के दौरान देश के औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ रेट कैसी रही है, इसे आप नीचे दिए गए चार्ट में देख सकते हैं-
मई में खुदरा महंगाई 12 महीने के निचले स्तर पर
मई महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 12 महीने के निचले स्तर 4.75 फीसदी पर आ गई। इसके पहले अप्रैल में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) इन्फ्लेशन 4.83 फीसदी पर था। ये आंकड़े आज 12 जून को भारत सरकार ने जारी किए हैं। अपनी लेटेस्ट पॉलिसी रिव्यू में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 फीसदी पर बनाए रखा, लेकिन कहा कि खाद्य कीमतें स्थिर बनी रह सकती हैं।