भारतीय का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 31 मार्च को समाप्त हफ्ते के दौरान अपने आठ महीने के उच्च स्तर से 32.9 करोड़ डॉलर गिरकर 578.45 अरब डॉलर पर गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार 7 अप्रैल को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। इस गिरावट के पीछे मुख्य देश के गोल्ड रिजर्व भंडार (Gold Reserves) में कमी आना रहा। इससे पहले लगातार 2 हफ्ते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देखने को मिली थी और 24 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में यह 5.98 अरब डॉलर बढ़कर 578.78 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
पूरे वित्त वर्ष 2023 के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 28.86 अरब डॉलर की गिरावट आई है। बता दें कि अक्टूबर 2021 में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो इसका अबतक का सबसे उच्चतम स्तर है।
ग्लोबल लेवल पर आर्थिक अनिश्चितता के चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू में आई गिरावट को रोकने के लिए RBI ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया था। इसके तहत उसने अमेरिकी डॉलर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा था, जिससे रुपये में आई गिरावट को रोकने को मदद मिली। इसके चलते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई।
3.6 करोड़ डॉलर घटा देश का फॉरेन करेंसी एसेट्स
विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे अहम हिस्सा फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) का होता है। RBI ने बताया कि 31 मार्च को समाप्त हुए हफ्ते में देश का FCA 3.6 करोड़ डॉलर घटकर 509.691 अरब डॉलर रहा। बता दें कि फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राएं आती है। इन मु्द्राओं की वैल्यू को डॉलर में नोट किया जाता है। ऐसे में डॉलर के मुकाबले इनकी वैल्यू में आए उतार-चढ़ाव से फॉरेन करेंसी एसेट्स की वैल्यू भी प्रभावित होती है।
RBI ने बताया कि 31 मार्च को समाप्त हुए हफ्ते में देश के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 27.9 करोड़ डॉलर घटकर 45.20 अरब डॉलर रही। आंकड़ों के मुताबिक, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR) 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 18.392 अरब डॉलर रह गया। वहीं इस दौरान इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) में रखा देश का मुद्रा भंडार 1.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.165 अरब डॉलर हो गया।