Retail Inflation: महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। देश की खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 4.87% पर आ गई। यह इसका पिछले 5 महीनों का सबसे निचला स्तर है। हालांकि प्याज की ऊंची कीमतें अभी भी महंगाई को और नीचे आने से रोके हुई हैं। इससे पहले सितंबर में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित खुदरा महंगाई दर 5.02 फीसदी था। सांख्यिकी मंत्रालय ने सोमवार 13 नवंबर को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। अक्टूबर में महंगाई दर काफी हद अर्थशास्त्रियों के अनुमानों के मुताबिक रही है। अर्थशास्त्रियों ने एक पोल में खुदरा महंगाई दर के अक्टूबर में 4.8% रहने का अनुमान जताया था।
इसके साथ ही खुदरा महंगाई की दर लगातार दूसरे महीने RBI की ओर से तय दायरे के अंदर रही है। RBI को महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के बीच रखने का लक्ष्य मिला है। हालांकि यह लगातार 49वां महीना है, जब महंगाई दर 4 फीसदी के मध्यम लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।
हालांकि फूड इंफ्लेशन रेट काफी बदलाव नहीं दिखा और यह सितंबर के ही बराबर रहा। फूड आइटम्स में सबसे अधिक सब्जियों की कीमतों में मासिक आधार पर 3.4 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। ऐसा मुख्य रूप से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते हुआ। हालांकि दूसरी टमाटर की कीमतों में मासिक आधार पर 19 फीसदी की गिरावट देखी गई। वहीं आलू की कीमतों में अक्टूबर में कोई बदलाव नहीं देखा गया।
अंडे की कीमतों में भी मासिक आधार पर 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि दालों में 2.5 प्रतिशत और अनाज में 0.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह बताता है कि फूड आइटम्स में बढ़ोतरी अभी बी चिंता बना हुआ है। हालांकि तेल की कीमतों में आई कमी से इस दबाव को संतुलित करने में मदद मिल रही है। अक्टूबर में एडिबल ऑयल में मासिक आधार पर 0.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। कुल मिलाकर, अक्टूबर में फूड इंफ्लेशन 6.61 प्रतिशत रहा, जो सितंबर में 6.62 प्रतिशत से थोड़ा अधिक था।