वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा कि भारत इस डिजिटल करेंसी के रेगुलेशन पर सोच-समझ कर फैसला करेगा। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में कहा कि क्रिप्टो पर फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा। सीतारमण ने कहा, "हमें यह तय करना होगा कि जो भी उपलब्ध जानकारी है, उसके आधार पर उचित फैसला लिया जाए। इसमें जल्दबाजी नहीं की जा सकती। इसमें समय लगेगा।"
वित्त मंत्री ने साफ किया कि सरकार ‘ब्लॉकचेन’ से जुड़ी तकनीक में इनोवेशन और उसे आगे बढ़ाने को लेकर पूरी तरह से तैयार है।सीतारमण ने कहा कि हमारा इरादा किसी भी तरह से इसे (क्रिप्टो से जुड़े इनोवेशन को) प्रभावित करना नहीं है।
उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवादियों को पैसा मुहैया कराने को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि ये चिंताएं सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की हैं। इस पर विभिन्न मंचों पर चर्चा भी हुई है।
बता दें कि केंद्रीय बैंक RBI फिलहाल अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की योजना बना रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि RBI वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल रुपया जारी करेगा।
HDFC विलय पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के विलय के बारे में सीतारमण ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है क्योंकि भारत को बुनियादी ढांचे के लिए बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बड़े बैंकों की जरूरत है।
कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या की सही जानकारी नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकर ने जो आंकड़े दिए, वे राज्यों से प्राप्त हुए थे। सीतारमण ने कहा कि राज्य सरकारों के आंकड़ों में बदलाव के बाद कुल आंकड़ों को संशोधित किया गया। संक्रमण के कारण कुछ लोगों की मौत घरों पर हुई, उसे बाद में राज्यों ने अपडेट किया था।