India-UK FTA: भारत-ब्रिटेन के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, जानिए क्या होगा इसका असर?
India-UK Free Trade Agreement: भारत और ब्रिटेन ने बहुप्रतीक्षित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर दस्तखत कर दिए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। सरकारी बयान में कहा गया है कि यह समझौता दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और रोजगार को नई दिशा देगा।
अगले 10 वर्षों में दोनों देशों के बीच 85% वस्तुओं पर कोई आयात शुल्क नहीं रहेगा।
India-UK Free Trade Agreement: भारत और ब्रिटेन (UK) ने बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दे दिया है। यह दोनों देशों के बीच पहला बड़ा व्यापारिक समझौता है, जो वैश्विक व्यापार में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के बाद बनी अनिश्चितताओं के बीच संपन्न हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते का स्वागत करते हुए X (पहले ट्विटर) पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) को टैग कर कहा कि यह समझौता ‘दोनों देशों के लिए बराबर लाभकारी’ होगा। उन्होंने इसे एक 'ऐतिहासिक मील का पत्थर' बताया। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को ऐतिहासिक पल बताया है।
Delighted to speak with my friend PM @Keir_Starmer. In a historic milestone, India and the UK have successfully concluded an ambitious and mutually beneficial Free Trade Agreement, along with a Double Contribution Convention. These landmark agreements will further deepen our…
भारत को इस समझौते से लेबर-इंटेंसिव सेक्टर्स जैसे टेक्सटाइल और फुटवियर के निर्यात में फायदा मिल सकता है, क्योंकि ब्रिटेन की ओर से इन पर ड्यूटी कम की जा सकती है। भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से आईटी और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में अपने योग्य पेशेवरों के लिए ब्रिटेन में अवसर बढ़ने की उम्मीद कर रहा है।
आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, भारतीय उत्पाद जैसे कि टेक्सटाइल, अपैरल, फुटवियर, कालीन, समुद्री उत्पाद, अंगूर और आम को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से अधिक फायदा हो सकता है, क्योंकि इन पर ब्रिटेन पहले से ही कम टैरिफ लगाता रहा है।
ब्रिटेन को FTA से क्या फायदा होगा?
इस समझौते से ब्रिटेन को भारत में स्कॉच व्हिस्की और कार निर्यात पर टैरिफ कटौती का लाभ मिल सकता है। ये दोनों ही सेक्टर अमेरिका के टैरिफ उपायों के चलते दबाव में रहे थे।सबसे अधिक फायदा ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की को मिलेगा, जिसकी भारत में बड़ी मांग है।
इस समझौते के बाद यूके से आने वाली व्हिस्की की कीमतें भारतीय बाजार में घटेंगी, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा व्हिस्की बाजार है। हालांकि, इसका असर भारतीय शराब कंपनियों पर भी पड़ेगा, जिन्हें अब प्रीमियम सेगमेंट में विदेशी ब्रांड्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
ब्रिटेन की जिन अन्य वस्तुओं को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का लाभ मिलने की संभावना है, उनमें कॉस्मेटिक्स, भेड़ का मांस (लैम्ब), सैल्मन मछली, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चॉकलेट और बिस्किट शामिल हैं। इसके अलावा, एयरोस्पेस, मेडिकल डिवाइसेज और इलेक्ट्रिकल मशीनरी जैसे सेक्टर्स को भी इस समझौते से फायदा हो सकता है। भारत के सेवा क्षेत्र में भी ब्रिटेन अपनी मौजूदगी बढ़ाने का इच्छुक है, खासकर टेलीकम्युनिकेशन, लीगल, फाइनेंशियल सर्विसेज, बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में।
India-UK Free Trade Agreement की प्रमुख बातें
90% ब्रिटिश वस्तुओं पर टैरिफ कटौती: भारत ने डील के तहत ब्रिटेन के अधिकांश सामानों पर आयात शुल्क घटाया है।
व्हिस्की और जिन: टैरिफ 150% से घटाकर 75% किया गया, जो 10 साल में और घटकर 40% हो जाएगा।
85% आइटम्स होंगे टैक्स-फ्री: अगले 10 वर्षों में दोनों देशों के बीच 85% वस्तुओं पर कोई आयात शुल्क नहीं रहेगा।
ऑटोमोबाइल्स (Automobiles): सीमित कोटे के तहत ऑटोमोबाइल्स (Automobiles) पर टैरिफ 100% से घटाकर 10% किया गया।
कॉस्मेटिक्स और मेडिकल डिवाइसेज: इन उत्पादों पर भी अब पहले से कम ड्यूटी लगेगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी
PMO ने साझा की समझौते की डिटेल
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने भारत और ब्रिटेन के दरम्यान समझौते की डिटेल साझा की है। इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन के साथ 60 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक दोगुना होने का अनुमान है। मुक्त व्यापार समझौते में माल, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे 26 चैप्टर शामिल हैं।
सरकारी बयान के मुताबिक, 'यह द्विपक्षीय व्यापार काफी मजबूती से बढ़ा सकता है। इसके अलावा यह रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, जीवन स्तर में सुधार लाएगा और दोनों देशों के नागरिकों की भलाई को बढ़ावा देगा। समझौता दोनों देशों को संयुक्त रूप से वैश्विक बाजारों के लिए उत्पाद और सेवाएं विकसित करने की दिशा में भी आगे बढ़ाएगा।'
दुनिया की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच यह समझौता तीन वर्षों की लम्बी बातचीत के बाद सम्पन्न हुआ है। ब्रिटेन ने जनवरी 2022 में भारत के साथ FTA की बातचीत शुरू की थी। हालांकि, कई कंजरवेटिव सरकारों के प्रयासों के बावजूद समझौता तय समय में नहीं हो पाया। यह डील मूल रूप से दिवाली 2022 तक साइन होनी थी।
FTA क्या होता है और इसके क्या फायदे हैं?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच होता है। इसके तहत सदस्य देश आपस में व्यापार पर लगने वाले टैरिफ (शुल्क), कोटा और अन्य व्यापारिक बाधाओं को कम या पूरी तरह समाप्त कर देते हैं।
इसका मकसद वस्तुओं और सेवाओं का बेरोकटोक आदान-प्रदान सुनिश्चित करना, निवेश को बढ़ावा देना और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना होता है। साथ ही, इससे द्विपक्षीय या बहुपक्षीय व्यापार सरल, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी बनता है। FTA के जरिए कंपनियों को नए बाजारों तक पहुंच मिलती है, उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और किफायती उत्पाद मिलते हैं, और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ होता है।