Jet Airways Case: दिवालिया हो चुकी विमानन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) के नए मालिक जालाना कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आज कंसोर्टियम को 31 जनवरी तक 150 करोड़ जमा कराने का निर्देश दिया है। यह पैसा एसबीआई और जेकेसी के बीच एस्क्रो अकाउंट में रखा जाएगा। कोर्ट का कहना है कि अगर कंसोर्टियम बैंक गारंटी नहीं देती है तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) को अब मार्च 2024 के अंत तक जेट एयरवेज का मालिकाना हक जेकेसी को ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली SBI की अपील पर फैसला करना होगा।
किस बात के लिए SBI ने की है अपील
सुप्रीम कोर्ट ने SBI की याचिका पर एनसीएलएटी को मार्च के आखिरी तक फैसला करने को कहा है। इस प्रकार कोर्ट ने अपीलेट ट्रिब्यूनल के पिछले साल अगस्त 2023 के फैसले को रद्द कर दिया है। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जेकेसी को 350 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए मौजूदा परफॉरमेंस बैंक गारंटी से 150 करोड़ एडजस्ट करने की मंजूरी दे दी थी। कंसोर्टियम की अंडरटेकिंग के मुताबिक वे 31 अगस्त तक 100 करोड़ रुपये, 30 सितंबर तक 100 करोड़ रुपये पेमेंट करेंगे और बाकी 150 करोड़ रुपये परफॉरमेंस बैंक गारंटी से एडजस्ट हो जाएंगे। जेट एयरवेज के लेंडर्स इसी एडजस्टमेंट के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि यह एक बैकअप है और इस स्टेज पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
18 अगस्त 2023 को जब कंसोर्टियम ने पेमेंट शेड्यूल पेश किया था तो अपीलेट ट्रिब्यूनल ने इसे 24 घंटे के भीतर इसके लिए आवेदन करने को कहा था। वहीं जेट एयरवेज के लेंडर्स की कमेटी (CoC) ने अपीलेट ट्रिब्यूनल में कहा था कि यह जालान कालरॉक कंसोर्टियम के मालिकाना हक को चुनौती नहीं देगी, अगर यह शर्तों को पूरा करने के लिए 350 करोड़ रुपये चुकाने को तैयार हो जाती है।
अप्रैल 2019 में जमीन पर आ गई थी Jet Airways
बढ़ते घाटे और लगभग 8,000 करोड़ रुपये के कर्ज के कारण जेट एयरवेज को अप्रैल 2019 में बंद कर दिया गया था। इसके बाद अक्टूबर 2020 में विमानन कंपनी के क्रेडिटर्स ऑफ कमेटी (CoC) ने जालान-कलरॉक कंसोर्टियम के रिवाइवर प्लान को मंजूरी दी थी। पिछले साल 13 जनवरी 2023 को एनसीएलटी ने लंदन के कालरॉक कैपिटल और यूएई के आंत्रप्रेन्योर मुरारी लाल जालान के कंसोर्टियम को इसे ट्रांसफर करने को मंजूरी दे दी। हालांकि CoC इसके खिलाफ NCLAT चली गई।