भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 23 जनवरी को JSW वेंचर्स सिंगापुर को एमजी मोटर इंडिया की करीब 38 फीसदी शेयर कैपिटल के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। एमजी मोटर इंडिया हेक्टर, जेडएस ईवी और कोमेट मॉडल की गाड़ियां तैयार करती है। अब इसकी 38 फीसदी हिस्सेदारी सज्जन जिंदल का जीएसडब्ल्यू ग्रुप खरीद रहा है। मनीकंट्रोल ने पहले ही खुलासा किया था कि कि सज्जन जिंदल के 2300 करोड़ डॉलर के जेएसडब्ल्यू ग्रुप की गहरी दिलचस्पी भारत में ही इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को तैयार करने की है। इसके लिए यह जनवरी 2024 से एमजी मोटर इंजिया के साथ मिलकर ईवी लाने की योजना पर एक्टिव तरीके से काम कर रही है।
दोनों कंपनियों के बारे में डिटेल्स
इस अधिग्रहण पर सीसीआई ने कहा कि इस सौदे में बायर यानी खरीदने वाला एक नई एंटिटी और अब तक किसी भी एक्टिविटी में शामिल नहीं है। इसका मालिकाना हक पूरी तरह से जेएसडब्ल्यू इंटरनेशनल ट्रेडकॉर्प के पास है और यह जेएसडब्ल्यू ग्रुप से जुड़ा है। वहीं जिस कंपनी की हिस्सेदारी यह खरीद रहा है, उसका भारत में ऑटोमोबाइल ओरिजिनन इक्विपमेंट मैनुफैक्चरिंग (OEM) बिजनेस है और यह ऑफ्टर सेल सर्विसेज भी मुहैया कराती है। मुख्य रूप से यह एमजी ब्रांड नाम के तहत इलेक्ट्रिक वीइकल समेत पैसेंजर गाड़ियों को बनाती और बेचती है।
35% हिस्सेदारी खरीदने का JSW Group ने किया था ऐलान
जेएसडब्ल्यू ग्रुप को सीसीआई ने एमजी मोटर इंडिया की 38 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे दी है। खास बात ये है कि पिछले साल नवंबर में जेएसडब्ल्यू ग्रुप ने चीन की कार कंपनी SAIC मोटर कॉरपोरेशन के मालिकाना हक वाली एमजी मोटर इंडिया की 35 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण का ऐलान किया था। दोनों कंपनियों ने जो साझा बयान जारी किया था, उसके मुताबिक इसका कदम का लक्ष्य ऑटोमोबाइल और नई तकनीक के फील्ड के रिसोर्सेज को एक-साथ लाना था।