ONGC -Oil India के लिए खट्टी-मीठी सिफारिश, कमेटी ने सरकार को भेज दी अपनी यह रिपोर्ट

सरकारी तेल और गैस कंपनी ओएनजीसी (ONGC) और ऑयल इंडिया (Oil India) अपने फील्ड्स से अगर नई गैस निकालती हैं तो उन्हें इसकी अधिक कीमत मिल सकती है

अपडेटेड Dec 04, 2022 पर 4:38 PM
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ओएनजीसी और ऑयल इंडिया मौजूदा फील्ड्स से जो नेचुरल गैस निकालती हैं, उसके लिए प्राइस कैप तय हो सकता है।

सरकारी तेल और गैस कंपनी ओएनजीसी (ONGC) और ऑयल इंडिया (Oil India) अपने फील्ड्स से अगर नई गैस निकालती हैं तो उन्हें इसकी अधिक कीमत मिल सकती है। किरीट पारेख कमेटी ने इसके लिए सिफारिश की है। इस कमेटी ने सरकार से सिफारिश की है कि ओएनजीसी और ऑयल इंडिया मौजूदा फील्ड्स से जो नेचुरल गैस निकालती हैं, उसके लिए अधिकतम कीमत तय की जाए। यह सिफारिश इसलिए की गई है ताकि सीएनजी और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस-पीएनजी की कीमतों में नरमी आ सके। इसके अलावा कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि अगर दोनों कंपनियां मौजूदा फील्ड्स से नई गैस निकालती हैं तो इस अधिकतम प्राइस से 20 फीसदी अधिक भाव मिले।

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गैस की वैश्विक प्राइस की बजाय कच्चे तेल से जोड़ें भाव- सिफारिश


पैनल ने तेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट पिछले हफ्ते भेज दिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इसमें ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के पुराने फील्ड्स से निकाले जाने वाली गैस यानी एपीएम की अधिकतम कीमत तय करने की सिफारिश की गई है। पारिख के मुताबिक घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की दरों से जोड़ने के बजाय आयातित कच्चे तेल के भाव से जोड़ी जानी चाहिए। पैनल ने जो सिफारिश की है, उसके मुताबिक यह कीमत भारत में आयात होने वाले कच्चे तेल का 10 फीसदी हो सकता है। हालांकि यह कीमत पूरी तरह 2027 से लागू होगी।

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कितनी कीमत की है सिफारिश

पैनल ने उत्पादन लागत के साथ-साथ गैस को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल करने वाले खाद, बिजली और सीएनजी की लागत को ध्यान में रखते हुए 4 डॉलर के फ्लोर प्राइस की सिफारिश की है। वहीं एपीएम गैस के लिए सिफारिश भाव की बात करें तो इस महीने दिसंबर के लिए भारत में औसतन 83 डॉलर प्रति बैरल के भाव से तेल आयात हो रहा है तो इस हिसाब से पुरानी फील्ड्स से गैस निकालने के लिए ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को 8.3 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (mmBtu) मिलने चाहिए। हालांकि कमेटी ने अब अधिकतम कीमत तय करने की सिफारिश की है तो अगर सरकार ने समिति की सीलिंग और कैप प्राइस की सिफारिशें मान लीं तो इन दोनों कंपनियों को सिर्फ 6.5 डॉलर मिलेंगे क्योंकि कमेटी ने इस प्राइस पर कैप लगाने की सिफारिश की है।

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कमेटी ने आगे यह भी कहा है कि पुराने गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए अधिकतम दर को सालाना 0.5 डॉलर प्रति इकाई बढ़ाया जाएगा। समिति ने एक जनवरी, 2027 से एपीएम गैस की कीमत बाजार से निर्धारित किए जाने का सुझाव दिया है। एपीएम गैस की कीमत अभी 8.57 डॉलर प्रति mmBtu है। भारत में एपीएम गैस कुल उत्पादन का 60 फीसदी है। गहरे समुद्र या उच्च तापमान, उच्च दबाव वाले क्षेत्रों के लिए समिति ने मौजूदा फॉर्मूले को जारी रखने की सिफारिश की है। ऐसे क्षेत्रों के लिए कीमत इस समय 12.46 डॉलर प्रति इकाई है।

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