TCS Job Fraud: एक दिन पहले देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (TCS) में नौकरी देने के बदले सीनियर अधिकारियों के रिश्वत लेने का मामला सामना आया था। इसे लेकर बाद में कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी कोई बात नहीं है। कंपनी का कहना है कि इसे लेकर पूछताछ की गई और इसमें अहम पदों पर बैठा कोई भी शख्स शामिल नहीं है। वहीं फर्जीवाड़ा हुआ या नहीं, इस पर कंपनी का कहना है कि इसे लेकर शिकायत सामने आई है यानी कि नौकरी के बदले घूस लिया गया है। कंपनी का कहना है कि इसमें कंपनी की तरफ से या कंपनी के खिलाफ कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है और इसका कंपनी पर कोई वित्तीय प्रभाव नहीं है बल्कि यह मुद्दा कंपनी के कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन से जुड़ा है।
क्या है पूरा मामला और TCS ने क्या लिया एक्शन
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक व्हिसलब्लोअर ने टीसीएस के रिक्रूटमेंट डिवीजन पर रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप (RMG) के वैश्विक प्रमुख ईएस चक्रवर्ती पर वर्षों से स्टॉफिंग फर्मों से कमीशन लेने का आरोप लगाया है। इसे लेकर कंपनी ने ईएस को छुट्टी पर भेज दिया। इसके अलावा रिक्रूटमेंट डिवीजन के चार अधिकारियों को निकाल दिया गया है।
कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक यह घोटाला 100 करोड़ रुपये का हो सकता है। वहीं टीसीएस ने सफाई दी है कि RMG रिक्रूटमेंट नहीं करती है बल्कि इसका काम मौजूदा स्टॉफ को प्रोजेक्ट पर लगाना है और अगर पर्याप्त एंप्लॉयीज नहीं हैं तो कांट्रैक्टर्स के जरिए इसकी कमी पूरा करना है। व्हिसब्लोअर ने जो शिकायत की है, वह इसी कांट्रैक्टर्स के जरिए हायरिंग में घूस को लेकर की गई है।
मंत्रालय तक पहुंच चुकी है बात
टीसीएस में पैसे के बदले नौकरी देने का मामला अब मंत्रालय तक पहुंच चुका है। पुणे की लेबर यूनियन नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने इस मामले में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय से शिकायत की है। NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा का कहना है कि इस घोटाले का टीसीएस के मौजूदा और भविष्य में आने वाले एंप्लॉयीज पर क्या असर होगा, इसे असर को कम करके आंका नहीं जा सकता है। इसने अविश्वास का जो माहौल बनाया है, उससे एंप्लॉयीज का मनोबल और प्रेरणा प्रभावित हुआ है। इसके अलावा सलूजा का कहना है कि यह कॉम्पटीशन को कमजोर करेगा और मेरिट पर आधारित नियुक्तियों में दिक्कतें होगी।