कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) में संगठन के स्तर पर बदलाव हो सकता है। कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बुधवार को सालाना आम बैठक (AGM) में इसके संकेत दिए हैं। भार्गव ने यह संकेत ऐसे समय में दिया है, जब मारुति की भागीदारी पैरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के ओवरऑल वैश्विक बिजनेस में बढ़ी है। दो साल बाद पहली बार हुए फिजिकल यानी ऑफलाइन एजीएम में भार्गव ने कहा कि सुजुकी के वैश्विक उत्पादन में मारुति की हिस्सेदारी 60% से अधिक हो जाएगी। पिछले साल मारुति की हिस्सेदारी 60% थी।
भार्गव के मुताबिक मारुति अब सुजुकी जापान का बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। वह सुजुकी के प्रेसिडेंट तोशिहिरो सुजुकी के बयान का हवाला दे रहे थे जिसके मुताबिक सुजुकी ने वित्त वर्ष 2022 में 28 लाथ गाड़ियां तैयार की जिसमें 16 लाख यानी 60 फीसदी भारत में बनीं।
कंपनी का उत्पादन का ये है लक्ष्य
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन भार्गव ने कंपनी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी सामने रखा। मारुति का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में 20 लाख कारों से उत्पादन बढ़ाकर अगले कुछ वर्षों में 30 लाख कारें तैयार करने का लक्ष्य रखा है। भार्गव को पहले ही उम्मीद थी कि नई लॉन्चिंग के जरिए कंपनी एसयूवी सेग्मेंट में फिर से मार्केट शेयर को हासिल कर लेगी.
पीएम मोदी के सुझाव पर तैयार की नई स्ट्रेटजी
रविवार को कंपनी ने 40वां सालगरिह मनाया और इस अवसर पर पीएम मोदी ने जो सुझाव दिया, उस पर भार्गव ने कहा कि कंपनी कंप्रेस्ड बॉयोमेथेन गैस फ्यूल में प्रवेश की रणनीति पर काम कर रही है। भार्गव ने कहा कि इसमें ऊर्जा के एक स्रोत के रूप में अपार संभावनाएं हैं और यह न सिर्फ रिन्यूएबल (नवीकरणीय) है बल्कि इससे प्रदूषण भी नहीं होगा। कंपनी ने पिछले हफ्ते नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ एक एमओयू पर साइन किया है जिसके तहत गुजरात में दो बॉयो गैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ आने वाला दौर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का है। इसे लेकर भार्गव ने कहा कि मारुति 2024-25 में ईवी सेग्मेंट में जब प्रवेश करेगी तो यह बाजार के अपर सेग्मेंट में रहेगी।