ईएसजी इंडेक्स तैयार करने वाली दिग्गज कंपनियों में शुमार MSCI अब कंपनियों के रिव्यू प्रोसेस में तेजी लाएगी। MSCI ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि अदाणी ग्रुप के कंपनियों के खराब गवर्नेंस के आरोपों को लेकर यह प्रतिद्वंद्वी इंडेक्स प्रोवाइडर्स की तुलना में असफल रही। एमएससीआई के कॉम्पटीटर्स ने इस मामले में ज्यादा तेज एक्शन लिया। लॉन्ग टर्म में एनवॉयरमेंटल, सोशल और गवर्नेंस से जुड़े रिस्क के मानकों पर कंपनी कितनी मजबूत है, इसे लेकर ESG Index तैयार किया जाता है। इसे कई रेटिंग कंपनियां तैयार करती है और इसमें से एक मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल (MSCI) है।
अब तिमाही के बदले हर महीने ESG Index का रिव्यू
अदाणी ग्रुप के कंपनियों के मामले से सबक लेते हुए अब एमएससीआई ने तीन महीने की बजाय हर महीने ईएसजी होल्डिंग्स में होल्डिंग्स का रिव्यू करने का फैसला किया है। एमएससीआई के मुताबिक अगर किसी कंपनी से जुड़ा कोई अहम विवाद आता है जिसका असर इसके फाइनेंशियल पर पड़े और यूनाइटेड नेशंस के सिद्धातों का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें इंडेक्स से निकाल दिया जाएगा।
बाकी रेटिंग फर्म और इंडेक्स प्रोवाइडर ने क्या किया
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप के कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया। इन आरोपों के बाद ईएसजी रेटिंग्स फर्म्स और इंडेक्स प्रोवाइडर्स अदाणी की कंपनियों का फिर से जल्दी-जल्दी मूल्यांकन करने लगे। एसएंडपी ग्लोबल इंक ने इस महीने अदाणी एंटरप्राइजेज को डाउ जोन्स सस्टेनिबिलिटी इंडेक्सों से निकालने का एलान किया। सस्टेनलाइटिक्स ने पिछले हफ्ते अदाणी की कुछ कंपनियों के ईएसजी स्कोर को डाउनग्रेड किया।
वहीं दूसरी तरफ एमएससीआई ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी टोटल गैस की रेटिंग को अपडेट नहीं किया है। दोनों की ए रेटिंग है जो एमएससीआई का तीसरा हाइएस्ट है। ये दोनों एमएससीआई के कुछ ईएसजी इंडेक्सों में शामिल हैं। सिंगापुर के नांयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में अकाउंटिंग के एसोसिएट प्रोफेसर केल्विन लॉ का मानना है कि ईएसजी रेटिंग्स को रीयल टाइम पर आधारित होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ विवादों के चलते कंपनी के मार्केट वैल्यू पर असर दिखता है और इसे लेकर निवेशकों को तत्काल कोई फैसला लेना होता है।