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Ola Electric में टॉप लेवल पर दो इस्तीफे, CMO अंशुल खंडेलवाल और CTO सुवोनिल चटर्जी ने छोड़ा साथ

सुवोनिल चटर्जी 6 साल पहले डिजाइन हेड के रूप में Ola Electric में शामिल हुए थे। अंशुल खंडेलवाल साल 2019 में कंपनी में शामिल हुए थे। Ola Electric ने 8 नवंबर को कहा था कि जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में उसका कंसोलिडेटेड शुद्ध घाटा कम होकर 495 करोड़ रुपये रह गया

अपडेटेड Dec 27, 2024 पर 7:20 PM
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नवंबर 2024 में ओला इलेक्ट्रिक में रीऑर्गेनाइजेशन के चलते कम से कम 500 कर्मचारियों प्रभावित हुए थे।

Ola Electric के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर अंशुल खंडेलवाल और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर सुवोनिल चटर्जी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। यह बात मनीकंट्रोल को सोर्सेज से पता चली है। कुछ वक्त पहले ही कंपनी में बड़े पैमाने पर रीऑर्गेनाइजेशन हुआ था। चटर्जी 6 साल पहले डिजाइन हेड के रूप में ओला इलेक्ट्रिक में शामिल हुए थे। उन्होंने Ola Krutrim और Ola Maps सहित प्रमुख प्रोडक्ट्स को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2021 में चटर्जी को चीफ टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट ऑफिसर के तौर पर प्रमोट किया गया था।

वहीं खंडेलवाल साल 2019 में कंपनी में शामिल हुए थे। इससे पहले वह फूडपांडा में मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड थे। फूडपांडा को ओला ने 2020 में खरीद लिया था। बाद में उन्होंने ओला फूड्स में मार्केटिंग हेड की भूमिका निभाई और फिर आगे चलकर ओला इलेक्ट्रिक के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर बन गए।

और कौन छोड़ चुका है ओला इलेक्ट्रिक का साथ


ओला इलेक्ट्रिक ने 2019 में अपने को-फाउंडर और पूर्व चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर अंकित भाटी को बाहर होते देखा था। इस साल की शुरुआत में कंपनी सेक्रेटरी और कंप्लायंस ऑफिसर प्रमेंद्र तोमर ने ओला इलेक्ट्रिक का साथ छोड़ा। दिसंबर के मध्य में, ओला समूह के चीफ पीपुल ऑफिसर एन बालचंदर भी कंपनी को बाय बोल गए।

नवंबर 2024 में ओला इलेक्ट्रिक में रीऑर्गेनाइजेशन के चलते कम से कम 500 कर्मचारियों प्रभावित हुए थे। इससे पहले फर्म ने सितंबर 2022 में दो बार रिस्ट्रक्चरिंग की थी। उस वक्त इसने विभिन्न वर्टिकल्स में ऑपरेशंस को सेंट्रलाइज और यूनिफाई करने के लिए कई नई नियुक्तियों की घोषणा की।

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Q2 में घाटे में गिरावट

ओला इलेक्ट्रिक ने 8 नवंबर को कहा था कि जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में उसका कंसोलिडेटेड शुद्ध घाटा कम होकर 495 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले यह 524 करोड़ रुपये था। तिमाही के दौरान कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 1,214 करोड़ रुपये का रहा, जो एक साल पहले के 873 करोड़ रुपये से लगभग 39% अधिक है।

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