Paytm Payments Bank पर क्या हैं आरोप? क्यों RBI ने लिया कड़ा एक्शन? समझिए पूरा मामला

Paytm Payments Bank : रिपोर्ट्स के मुताबिक पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) के पास लाखों ऐसे अकाउंट थे, जिनका पर्याप्त KYC नहीं हुआ था। इसके साथ ही, सैंकड़ों ऐसे मामले सामने आए जहां सिंगल PAN कार्ड से एक से अधिक अकाउंट खोले गए और इसके जरिए करोड़ों रुपये का लेनदेन किया गया

अपडेटेड Feb 04, 2024 पर 5:03 PM
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हाल ही में पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payments Bank) पर भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने कड़ा एक्शन लिया था।

हाल ही में पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payments Bank) पर भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने कड़ा एक्शन लिया है। पेटीएम पर सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) के पास लाखों ऐसे अकाउंट थे, जिनका पर्याप्त KYC नहीं हुआ था। इसके साथ ही, सैंकड़ों ऐसे मामले सामने आए जहां सिंगल PAN कार्ड से एक से अधिक अकाउंट खोले गए और इसके जरिए करोड़ों रुपये का लेनदेन किया गया। ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताओं के चलते RBI द्वारा कार्रवाई की गई।

RBI ने पेटीएम को 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट या फैस्टैग में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है। कस्टमर्स 29 फरवरी तक अपने वॉलेट में जमा पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं और सर्विसेज के लिए भुगतान कर सकते हैं।

क्या है पेटीएम पर RBI के इस कड़े एक्शन की वजह


सूत्रों ने बताया कि कई ऐसे मामले सामने आए जहां ट्रांजेक्शन का कुल मूल्य करोड़ों रुपये में है। यह मिनिमम KYC प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट में रेगुलेटरी लिमिट्स से कहीं अधिक है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी चिंताओं के चलते कार्रवाई की गई। एक एनालिस्ट के मुताबिक पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से करीब 31 करोड़ बंद हैं जबकि केवल करीब 4 करोड़ ही बिना किसी बैलेंस या बहुत कम बैलेंस के साथ काम कर रहे होंगे।

ऐसे में बड़ी संख्या में निष्क्रिय खातों का इस्तेमाल म्यूल अकाउंट्स के रूप में किए जाने की आशंका है। KYC में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी देखी गई, जिससे कस्टमर्स, डिपॉजिटर्स और वॉलेट होल्डर्स को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा।

सूत्रों ने कहा कि RBI ने 2021 में गंभीर KYC एंटी मनी लॉन्ड्रिंग वॉयलेशन का पता लगाया और बैंक को इन कमियों को दूर करने का निर्देश दिया गया। हालांकि, बैंक ने इस पर ध्यान नहीं दिया। सूत्रों ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत कंप्लायंस कई मौकों पर अधूरा और गलत पाया गया। इसके बाद मार्च 2022 में आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को शामिल करने से रोकने और कंप्रिहेंसिव सिस्टम ऑडिट करने के लिए एक एक्सटर्नल ऑडिट फर्म नियुक्त करने के लिए PPBL पर सुपरवाइजरी रेस्ट्रिक्शन लगाया।

सितंबर 2022 में ED ने की थी छापेमारी

ऐसे कई मामले हैं जहां देश भर में कई लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों द्वारा खातों और वॉलेट को फ्रीज कर दिया गया है क्योंकि ऐसे खातों का इस्तेमाल डिजिटल धोखाधड़ी करने के लिए किया गया था। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने सितंबर 2022 में PPBL और इसकी पेरेंट एंटिटी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (OCL) और अन्य पेमेंट एग्रीगेटर्स के परिसरों पर छापेमारी की थी।

कई राज्यों से भोले-भाले कर्जदारों द्वारा आत्महत्या करने के कई मामले सामने आने के बाद ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के क्रिमिनल सेक्शन के तहत जांच शुरू की थी। यह आरोप लगाया गया कि अवैध डिजिटल लोन कंपनियों ने अपने फोन पर इन ऐप्स को डाउनलोड करते समय कर्ज लेने वाले के सभी पर्सनल डेटा को हासिल कर लिया था।

PPBL का बयान

संपर्क करने पर PPBL के प्रवक्ता ने कहा, "हम पुष्टि कर सकते हैं कि न तो हम और न ही वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के फाउंडर-CEO मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट द्वारा जांच का विषय रहे हैं।" प्रवक्ता ने कहा कि कभी-कभी प्लेटफॉर्म पर कुछ मर्चेंट्स से पूछताछ किए गए और कंपनी ऐसे मामलों में अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करती है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी के मुताबिक जरूरत पड़ने पर ईडी आगे भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच करेगा।

Shubham Singh Thakur

Shubham Singh Thakur

Tags: #PayTm

First Published: Feb 04, 2024 5:03 PM

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