पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) ने जेनसॉल इंजीनियरिंग के खिलाफ दिल्ली पुलिस की इकनॉमिक अफेंसेज विंग (EoW) में शिकायत की है। सरकारी NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कॉरपोरेशन) ने यह शिकायत फर्जी डॉक्यूमेंट्स जमा करने के मामले में की है। पीएफसी ने 22 अप्रैल को देर शाम एक्सचेंज फाइलिंग में इसका खुलासा किया। एनबीएफसी ने खुलासा किया कि यह अपनी 'एंटी-फ्रॉड पॉलिसी' के तहत आंतरिक तौर पर भी जांच कर रही है। कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि उसने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों CARE और ICRA को कोई लेटर नहीं जारी किया है।
आरोपों के मुताबिक जेनसॉल इंजीनियरिंग ने यह दिखाने के लिए कि वह कर्ज की किश्त भरने में चूकती नहीं है, इसे लेकर पीएफसी और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) के जाली लेटर बनाए। हालांकि यह मामला उस समय खुल गया, जब क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने इन लेटर्स की सत्यता के लिए सीधे लेंडर्स से संपर्क कर लिया। दिल्ली पुलिस की EoW के पास पीएफसी की शिकायत जेनसॉल के खिलाफ चौथी जांच होगी। बाजार नियामक SEBI और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) की तरफ से पहले से ही कंपनी की अलग-अलग जांच चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जांच शुरू कर सकता है।
PFC ने कितना लोन दिया था Gensol Engineering को?
जनवरी 2023 में पीएफसी ने जेनसोल को ₹633 करोड़ के लोन की मंजूरी दी थी। यह सरकार की FAME और PM E-Bus सेवा जैसी ईवी योजनाओं का हिस्सा था। इसमें से ₹587 करोड़ जेनसॉल की ईवी ऐप BluSmart को 5,000 इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहनों की लीजिंग के लिए और ₹46 करोड़ 1,000 इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों के लिए था। हालांकि तिपहिया वाहन के लिए दिया गया लोन कभी नहीं लिया गया। पीएफसी का कहना है कि जेनसॉल को ₹587 करोड़ में से ₹352 करोड़ दिया गया है और इसके जरिए ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के 3,000 ईवी गाड़ियों की लीजिंग की गई। इसमें से 2,741 गाड़ियां अब तक डिलीवर हो चुकी है और फिलहाल PFC के पास गिरवी रखा गया है।
"जनवरी 2025 तक सब कुछ ठीक था"
पीएफसी का कहना है कि जेनसॉल इंजीनियरिंग से ₹307 करोड़ के आउटस्टैंडिंग मूलधन की रिकवरी के लिए सभी संभव विकल्पों पर गौर किया जा रहा है। पीएफसी के मुताबिक 31 जनवरी 2025 तक सब कुछ ठीक चल रहा था और जेनसॉल कर्ज की किश्तें समय पर भर रही थी। हालांकि फिर फरवरी और मार्च महीने में पीएफसी को बकाया क्लियर करने के लिए डेट सर्विस रिजर्व अकाउंट (DSRA) का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके अलावा पीएफसी ने जेनसॉल के इक्विटी शेयर और नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी), जेनसोल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड से कॉरपोरेट गारंटी और प्रमोटर्स से व्यक्तिगत गारंटी भी गिरवी रखी है।