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PhonePe को मिली 350 मिलियन डॉलर की फंडिंग, बनी भारत की सबसे बड़ी फिनटेक फर्म

PhonePe को 350 मिलियन डॉलर की फंडिग मिली है। फोनपे को यह फंडिंग 12 बिलियन से ज्यादाकी वैल्युएशन पर जनरल अटलांटिंक से मिली है। इस फंडिंग के साथ ही फोनपे अब भारत की सबसे बड़ी फिनटेक फर्म भी बन गई है

अपडेटेड Jan 19, 2023 पर 1:21 PM
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PhonePe को 350 मिलियन डॉलर की फंडिग मिली है

ऑनलाइन पेमेंट और ट्रांजैक्शन सर्विस उपलब्ध कराने वाले प्लेटफॉर्म फोनपे (PhonePe) ने 12 बिलियन डॉलर से ज्यादा की वैल्युएशन पर 350 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की है। फोनपे को यह फंडिंग जनरल अटलांटिक से मिली है। इस फंडिंग के साथ ही फोनपे अब भारत का सबसे अमीर फिनटेक बन गया है। 19 जनवरी को जारी किए गए बयान में कंपनी ने कहा कि वह मौजूदा समय में किस्तों के तहत 1 अरब डॉलर तक की रकम जुटाएगी। बता दें कि Moneycontrol ने अक्टूबर 2022 में ही इस बात का अनुमान लगाया था कि PhonePe जनरल अटलांटिक से 12 बिलियन डॉलर तक की फंडिंग जुटा सकता है।

इस तरह से फंडिग हासिल करती है फोनपे

बता दें कि फोनपे ने इस फंडिग के लिए फ्लिपकार्ट की तर्ज पर स्पिन ऑफ तरीके को फॉलो किया है। फोनपे अब फ्लिपकार्ट (Flipkart) के रैंक में शामिल होने वाला एक डेकर्न स्टार्टअप बन गया है। बता दें कि डेकोर्न स्टार्टअप वह होते हैं जिनकी वैल्यू 10 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो। फोनपे की वैल्युएशन यूनिकॉर्न कंपनी Razorpay की वैल्युएशन जो कि 7.5 बिलियन है उससे भी ज्यादा हो गई है। कंपनी ने 19 जनवरी को एक बयान में कहा, फोनपे फंड का उपयोग बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए करेगा, जिसमें डाटा सेंटर्स का विकास भी शामिल है।


कंपनी कर रही है ये प्लनिंग

इसके अलावा फोनपे इंश्योरेंस, वेल्थ मैनेजमेंट और उधार जैसे नए बिजनेस में निवेश करने की भी योजना बना रही है। इसके अलावा फोनपे की प्लानिंग यूपीआई लाइट और यूपीआई क्रेडिट पर फोकस करने की भी है। बता दें कि जब फ्लिपकार्ट ने फोनपे को एक अलग यूनिट के तौर पर डेवलेप किया था तो उस वक्त इसकी वैल्यू 5.5 मिलियन डॉलर की थी। फ्लिपकार्ट ने उस वक्त इस प्लेटफॉर्म में 70 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। फोनपे को यह फंडिग ऐसे वक्त में मिली है जब इसके सबसे बड़े प्रतिद्वंदी पेटीएम को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। अपने IPO के बाद पेटीएम की वैल्युएशन में 60 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। 19 जनवरी तक पेटीएम की मार्केट वैल्युएशन 4.3 बिलियन डॉलर से अधिक पर थी।

फोनपे से ज्यादा है पेटीएम का रेवेन्यू

हालांकि नुकसान में होने के बाद भी पेटीएम का रेवेन्यू फोनपे से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2022 तक, पेटीएम का रेवेन्यू 3,892.40 करोड़ रुपये था, जबकि PhonePe का रेवेन्यू 1,646 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, PhonePe ने वित्त वर्ष 2022 (2021-22) में 2,014 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। वहीं 2021 में फोनपे को 1,729 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। वहीं साल 2022 और 2021 में पेटीएम को क्रमशः 2,325 करोड़ और 1,560 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।

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साल 2015 में शुरू हुआ था फोनपे

बता दें कि फोनपे की स्थापना साल 2015 में फ्लिपकार्ट के दो पूर्व अधिकारियों समीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर ने की थी। फोनपे पर लगभग 400 मिलियन से भी ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं और यह ऐप यूपीआई लेनदेन में मार्केट लीडर भी है। यूपीआई ट्रांजैक्शन की बात करें तो हर महीने लगभग 40 फीसदी से ज्यदा फोनपे से किए जाते हैं। साल 2027 में कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर बिल पेमेंट, गोल्ड इनवेस्टमेंट, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड निवेश जैसी सर्विसेज को शुरू किया था।

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