रियल-गेमिंग इंडस्ट्री (Real Gaming Industry) के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय राज्य मंत्री (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी) राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि मिनिस्ट्री जीएसटी काउंसिल से नए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर विचार करने को कहेगी। अप्रैल में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री (MeitY) ने आईटी एक्ट 2021 में गेमिंग से संबंधित नए संशोधन नोटिफाय किए थे। इससे कई सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशंस (SROs) को यह तय करने का अधिकार मिला है कि रियल-मनी गेम जिसमें पैसे का ट्रांसफर होता है, उसे इंडिया में ऑपरेट करने की इजाजत होगी या नहीं।
28 फीसदी जीएसटी लगाने का काउंसिल का फैसला
चंद्रशेखर का यह बयान जीएसटी काउंसिल के हाल के एक फैसले के बाद आया है। इस फैसले में जीएसटी काउंसिल ने यूजर्स की तरफ से स्किल बेस्ड गेम खेलने के लिए चुकाए गए अमाउंट की पूरी वैल्यू पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया है। यह फैसला स्किल बेस्ड गेम और चांस बेस्ड गेम पर एक समान तरह से लागू होगा। अभी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स प्लेटफॉर्म फीस पर 18 फीसदी जीएसटी चुकाते हैं।
रियल-गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका
चंद्रशेखर ने सीएनएन-न्यूज18 के एक कार्यक्रम में 17 जुलाई को कहा कि सरकार ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक 'predictable, sustainable और permissible' फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है। यह प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है। कई साल तक विचार के बाद हाल में आए फैसले से रियल-मनी गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। इंडस्ट्री से जुड़े कई एसोसिएंशंस और एग्जिक्यूटिव्स का मानना है कि इस कदम के पूरी गेमिंग इंडस्ट्री बर्बादा हो जाएगी, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के मौके खत्म हो जाएंगे।
करीब 130 रियल-मनी गेमिंग स्टार्टअप्स के फाउंडर्स, सीईओ और इंडस्ट्री एसोसिएशंस के समूह ने सरकार को एक ओपन लेटर सौंपा है। इसमें सरकार से पूल डिपॉजिट की पूरी वैल्यू पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने के हालिया फैसले पर दोबारा विचार करने की गुजारिश की गई है। मनीकंट्रोल ने यह खबर 15 जुलाई को दी थी। समूह ने सरकार से यह भी कहा है कि उसे सरकार के साथ इस मसले पर बातचीत का एक मौका दिया जाना चाहिए।
इस लेटर पर जिन कंपनियों ने हस्ताक्षर किए हैं, उमें Gameskraft, Nazara Technologies, Mobile premier League, SinZO, Adda52, Head Digital Works (A23), CrickPe और इंडस्ट्री एसोसिएशन-ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडिया फैंटेसी स्पोर्ट्स शामिल हैं। यह ध्यान देने वाली बात है कि यह टैक्स इंडिया में फ्री-टू-प्ले और पेड वीडियो गेम्स पर लागू नहीं होता है। इनमें गूगल प्ले और एपल ऐप स्टोर पर ऐप सेल्स में पहले 18 फीसदी जीएसटी शामिल है।
तीन साल के विचार के बाद आया जीएसटी का फैसला
चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि जीएसटी काउंसिल का मतलब भारत सरकार नहीं है। जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री होते हैं। यह एक संघीय संगठन है। राज्य सरकारें, वित्त मंत्री और केंद्र सरकार ने मिलकर जीएसटी फ्रेमवर्क बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी काउंसिल का यह फैसला तीन साल के विचारविमर्श के बाद आया है।